01-Nov-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से धुएं के बादल छाए हुए हैं और जहरीली हवा में लोग सांस लेने को मजबूर हैं। वहीं, अब दिवाली के बाद हालात और भी ज्यादा बिगड़ गए हैं। दिवाली में बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाजी की वजह से शहर में हर तरफ धुआं दिखाई दे रहा है और यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली गैस चैंबर बन गया है। आतिशबाजी के चलते दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। सुबह 5:30 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)700 पार दर्ज किया गया। दिल्ली के कई हिस्सों में दिवाली के बाद स्मॉग की परत देखने को मिल रही है। साथ ही सड़कों पर जगह-जगह पटाखों के अवशेष भी दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली के आनंद विहार सहित प्रमुख क्षेत्रों में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और दिल्ली के लोगों के पास जहरीली हवा में सांस लेने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा है। पिछले साल दिवाली पर आसमान साफ था और एक्यूआई 218 दर्ज किया गया था। इसके उलट इस साल दिवाली पर शहर में प्रदूषण का स्तर फिर से अपने चरम पर पहुंच गया है। हालांकि, दिवाली से पहले ही दिल्ली में एक्यूआई 400 पार बना हुआ था, लेकिन दिवाली के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। साथ ही राजधानी में पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं के चलते हालात और भी खराब हो गए। दिल्ली सरकार ने पहले ही इन हालातों से बचने के लिए पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था और इसका पालन कराने के लिए 377 प्रवर्तन दल गठित किए थे। साथ ही जागरूकता फैलाने का काम भी किया था। इस के बाद भी दिल्ली की हवाओं में इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया। पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों का उल्लंघन होने की खबरें सामने आईं। इन जहरीली हवाओं में सांस लेने से स्वास्थ्य पर गहरा असर होता है। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों को इससे ज्यादा परेशानी होती है जो पहले से ही सांस की बीमारी का सामना कर रहे हैं। दिल्ली में दिवाली के मौके पर साल 2022 में 312, साल 2021 में 382, साल 2020 में 414, साल 2019 में 337, साल 2018 में 281, साल 2017 में 319 और साल 2016 में 431 एक्यूआई दर्ज किया गया था। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली/ईएमएस/01/ नवम्बर /2024