लेख
30-Oct-2024
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इस वर्ष श्री महालक्ष्मी पूजन, दीपावली का मुख्य पर्व कार्तिक कृष्ण अमावस्या शुक्रवार तारीख 1 नवंबर 2024 में मान्य है। श्री गणेश लक्ष्मीन्द्र प्रभु, रिद्धी सिद्धी दातार। आन विराजो काज मह: कर दो मम उद्धार।। इस वर्ष 1 नवंबर में कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथी सायं काल 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी, जो उदय व्यापनी होने के साथ प्रदोष को भी स्पर्श कर रही है। अत: इस वर्ष दीपावली पर्व त्यौहार 1 नवंबर में ही मनाया जाएगा। इस वर्ष स्वाती नक्षत्र मध्योपरांत 3 बजकर 30 मिनट तक रहेगा, प्रीत योग दिन में 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद आयुष्यमान योगे जाने नक्षत्र व वार के संयोग से गंड योग बना है। स्वाति नक्षत्र और आयुष्यमान योग में अमावस्या होना श्रेष्ठ माना गया है। जिसमें व्यापार करना, कारोबार, लेनदेन, मूल्यवान, वस्तुओं सोना चांदी आदि का खरीदा संग्रह करना शुभ है। इसमें जमीन जायजाद की खरीदनी खरीदारी गृह निर्वाण उद्योग संचालन वाहन लेनदेन, देव दर्शन विद्या पूजन मंत्र साधना कृषि कार्यों का शुभारंभ श्रेष्ठ माना जाता है। दीपावली पूजन और दिन के लग्न मुहूर्त ......................... व्यापारी लोग अपने उद्योग धंधे व्यवसाय दुकानदारी प्रतिष्ठान आदि में लक्ष्मी पूजन के लिए धनु लग्न को श्रेष्ठ मानते है। क्योंकि लग्न का स्वामी गुरु ग्रह है। शुभग्रह होने से गुरु सबकी सहायता सफलता में रहता है। इस वर्ष धनु लग्न दिन 10.01 बजे शुरु होकर 12.05 बजे तक शुक्र फलदायक रहेगी। ध्यान रहे लग्नेश गुरु वृष का होकर छठे स्थान में विराजमान जिसका विशेष पूजन और दान करना श्रेष्ठ रहेगा। शुक्रवार में प्रात: से पहला चर दूसरा लाभ, इसी प्रकार अमृत काल शुभ, रोग उद्वेग और चर के चौघडिया मुहूर्त योगे उद्वेगकाल व रोग चौघडिया के मुहूर्त को छोडकर सभी अभीष्ट सिद्धप्रद माने जायेंगे। धनु लग्न में प्रात: 9.16 से अमृतकाल का चौघडिया सर्वश्रेष्ठ है। मकर लग्न 12.05 से 13.49 तक रहेगा, जिसमें शुभ चौघडिया का मुहूर्त 13.24 तक सर्वश्रेष्ठ रहेगा। कुभ लग्न 13.49 से 15.18 मालिक शनि है जिसमें ट्रांसपोर्ट व्यवसाय टूर एंड ट्रेव्लस, मनी एक्सचेंज, लोहा व लकडी के कारोबार मशीनरी और उद्योग धंधे के मालिक दीवाली पूजन करते है। मीन लग्न 15.18 से 16.45 तक रहेगी, जिसमें उद्वेग का चौघडिया मान रहेगा। मीन लग्न में राहु और उद्वेग चौघडिया होने से पूजा पहले कर ले, पुण्यदान कर ले। 16.45 से 18.22 तक मेष लग्न वर्तमान रहेगी, जिसमें 16.32 तक चर चौघडिया मुहूर्त वर्तमान रहेगा। सांयकाल मेष लग्न प्रदोष की व्यापिन में श्रेष्ठ मानी जाएगी। प्रदोष समय में उत्तम ब्राम्हण जो आचार्य वृत्ति करते है उनसे स्वस्ति वाचन, कलश पूजन संकल्प कराकर श्री गणेश, महालक्ष्मी, रिद्धी-सिद्धी, इंद्र, वरुण , कुबेर भंडारी शक्तियों सहित ब्रम्हा, विष्णु, महेश, कुलदेवता, स्थान देवता, सूर्यादि समस्त गृह मंडल की पूजा अर्चना कराकर वही वसना (खाता) कलम दावात, रोकडा बहीखाता का पूजन उपकरण, कम्पयूटर मोबाइल आदि का सविधि पूजन कराकर उत्तोरोत्तर लाभ की आरे अग्रसर होते रहते है। दीपावली पूजन और रात्रि के लग्न मुहूर्त ................. दीपावली की रात्रि बेला में वृष लग्न सायं 6.22 से प्रारंभ होकर 20.10 तक रहेगी, जिसमें रोग और काल का चौघडिया मुहूर्त के साथ प्रदोष काल वर्तमान रहेगा, जो दीपावली पूजन के लिए उद्योग धंधे व्यापारी वर्ग नौकरी पेशा, ट्रांसपोर्ट का कार्य करने वाला, गृहस्थी के लिए श्रेष्ठ रहेगी। दीपावली पूजन स्वयं अथवा द्विजाचार्यो से करवाना चाहिए, जिससे आप के ऊपर लक्ष्मी जी की कृपा सालभर बरसती रहे। मिथुन लग्न 20.19 से 22.33 बजे तक रहेगी। दीपावली पूजन में नौकरी का कार्य करने वालों लोगों के लिए श्रेष्ठ जानेगे। इस समय में कई पूजा अमृत के समान लाभ देगी। आगे कर्क लग्न 22.23 बजे से 24 बजकर 51 मिनिट तक रहेगी। कर्क का स्वामी चंद लग्न में बैठा है। जिसमें निशिध काल वर्तमान में रहेगा। जिससे इस दौरान कार्य सिद्ध में सहायक रहेगा। श्री गणेश, लक्ष्मी जी, इंद्र, वरुण, कुबेर भंडारी, रिद्धी-सिद्धी शक्ति सहित श्री ब्रम्हा, विष्णु, महेश, गणेश, नवगृह मंडल देवतादि पूजन कराकर बहीखाता, कलम आदि का पूजन कराए तो वर्ष उत्तम फलदायी होगा। लक्ष्मी के भंडार की बडी अपूरबबात। ज्यों खर्चे त्यो-त्यों बढे, बिन खर्चे घट जात।। दीपावली के रात्रि में लक्ष्मी जी घर-घर जाकर निरीक्षण करती है कि किस-किस घर में कितनी स्वच्छता है तथा किस किस विधि में मेरी पूजा आराधना की गई है। अत: जहां अच्छा लगा वहीं रुक जाती है और साल भर भक्त जनों के व्यापार आदि कार्यों में कल्याण करती है। .../ 30 अक्टूबर/2024