क्षेत्रीय
30-Oct-2024


बिलासपुर (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ में गांजा आसानी से उपलब्ध हो जा रहा है। हर गली चौक चौराहा में इस व्यवसाय से जुड़े लोग युवाओं को नशे के दलदल में झोंक रहे हैं। ऐसे में जीआरपी के चार आरक्षकों पर गांजा तस्करी का आरोप लगना इस बात को साबित करता है कि इस काम में बड़े अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त है। पुलिस का दावा है कि मामले की जांच हो रही है और मामले में और भी खुलासे हो सकेंगे। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जीआरपी के चार आरक्षकों को गांजे की तस्करी के आरोपों में पकड़ा गया है। इन चार आरक्षकों में संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन, सौरभ नागवंशी, और मन्नू प्रजापति शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इस मामले में इंद्रजीत बघेल और राजा दुबे के नाम भी सामने आए हैं, जिन्हें बाद में ट्रांसफर कर दिया गया। जांच में यह भी पता चला है कि 24 अक्टूबर को जीआरपी ने गांजे का एक बड़ा खेप पकड़ा था, जिसमें उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ व्यक्ति गिरफ्तार किए गए थे।जांच के दौरान पाया गया कि पकड़े गए गांजे का कुछ हिस्सा अफसरों की संलिप्तता के कारण अन्य जगहों पर बेच दिया गया।जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कुछ बड़े अधिकारियों पर गांजा तस्करी में शामिल होने का आरोप लगा है। इस घटना से पुलिस महकमे में हलचल मच गई है। जांच के बाद, बिलासपुर रेंज साइबर पुलिस ने त्रक्रक्क (त्रश1द्गह्म्ठ्ठद्वद्गठ्ठह्ल क्रड्डद्बद्य2ड्ड4 क्कशद्यद्बष्द्ग) के चार को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये अधिकारी तस्करों से गांजा जब्त करने के बाद इसे नशे का कारोबार करने वालों को सप्लाई कर रहे थे।इस घटना से बड़े अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों में चिंता है, लेकिन आधिकारिक रूप से पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 30 अक्टूबर 2024