महीसागर (ईएमएस)| महीसागर की नेहा दुबे ने गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख और विधायक जिग्नेश मेवाणी के मंगलवार को लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है| नेहा दुबे ने कहा कि जिग्नेश मेवाणी जिसे मासूम बता रहे हैं उस पर दुष्कर्म और अपहरण समेत कई मामले दर्ज हैं| दरअसल मंगलवार को जिग्नेश मेवाणी ने पत्रकार परिषद कर महीसागर की कलेक्टर नेहा दुबे पर दलितों, वकील और पत्रकार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगाया था| साथ ही तत्काल प्रभाव से कलेक्टर नेहा दुबे को निलंबित करने की सरकार से मांग की थी| जिग्नेश मेवाणी के आरोपों का जवाब देते हुए आज नेहा दुबे ने मीडिया को बताया कि जिग्नेश मेवाणी जिस शख्स विजय परमार को मासूम व्यक्ति बता रहे हैं, उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं| विजय परमार और उसके सगे भाई पंकज परमार के खिला दुष्कर्म, अपहरण और मारपीट जैसे कई गंभीर केस दर्ज हैं| नेहा दुबे ने आगे कहा कि विभिन्न सरकारी कचहरी में अपनी शिकायतें लेकर लोग आते और उन्हें सुना भी जाता है| गत 23 को आयोजित तहसील स्वागत कार्यक्रम में विजय परमार पुलिसकर्मी और अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का दबाव डाल रहा था| हमने विजय परमार को समझाया का किसी के खिलाफ केस दर्ज करने का अधिकार हमारे पास नहीं है| इसके लिए आप पुलिस अधीक्षक से मिल सकते हैं और अगर उस पर भी संतोष नहीं हो तब कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं| इसके बावजूद विजय परमार बार बार पुलिसकर्मी और अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का दबाव डालते रहे और वहां मौजूद अधिकारियों के साथ उद्दंडता की| इतना ही नहीं अधिकारियों से कहा कि वह उन सबको देख लेगा| विजय परमार ने मुझसे कहा कि तू ब्राह्मण है ना, तुझे बता दूंगा कि एट्रोसिटी के सेक्शन 4 क्या होती है? विजय परमार ने कहा कि मैं पत्रकार भी और वकील भी हूं| मेरे कई दोस्त पत्रकार हैं और वकील भी हैं| तुम्हारी ऑफीस के सामने सबको बिठा दूंगा तब तुम्हें पता चलेगा कि मैं कौन हूं| उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को लेकर संवेदनशील है, तो आप समझ सकते हैं कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति को साथ लाकर यह विधायक कानून व्यवस्था को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं| विधायक जिग्नेश मेवाणी ऐसे झूठे वकील और पत्रकार की तुलना पत्रकारों और वकीलों से करके सच्चे पत्रकारों को कलंकित करते है। विजय परमार एक राजनीतिक स्टंट कर लोगों को गुमराह करता है लेकिन उसका इरादा कभी सफल नहीं होगा। मेरा नाम नेहा कुमारी होने के बावजूद विधायक जानबूझ कर नेहा कुमारी दुबे का जिक्र करते हैं ताकि मेरी जाति का मामला पता चले और सामाजिक विद्वेष पैदा हो| मैं जातिवाद में विश्वास नहीं करती इसलिए मैंने अपनी जाति रिकॉर्ड में नहीं रखी है। मेरी जाति कहीं भी सरकारी रिकार्ड में नहीं है, लेकिन इसका उल्लेख कर वे मेरा उपनाम बताकर जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। मैं हर जाति का सम्मान करती हूं| उन्होंने यह भी कहा कि मैं खुद संविधान का सम्मान करती हूं और बाबा साहब के सिद्धांतों पर चलकर यहां तक पहुंची हूं| जिस तरह विजय परमार एट्रोसिटी एक्ट के नाम पर सरकारी कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर रहा है, वह बिल्कुल ठीक नहीं है। ऐसे लोगों को विधायक का समर्थन उन लोगों के लिए न्याय पाना मुश्किल कर देता है जो वास्तविक शिकायतकर्ता हैं, वास्तविक पीड़ित हैं। सतीश/30 अक्टूबर