क्षेत्रीय
30-Oct-2024
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* बिना भुगतान मरीज को ले जाने का आरोप कोरबा (ईएमएस) अंचल में संचालित न्यू कोरबा हॉस्पिटल (एनकेएच) में उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब एक मरीज के परिजनों ने हंगामा किया। मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर अस्पताल में बकाया बिल का भुगतान किए बिना ही उसे जबरन अपने साथ ले गए। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार मरीज के इलाज का लगभग ढाई लाख रुपये का बिल बकाया था। जिसे चुकाने से मरीज के परिजन बचना चाह रहे थे। बताया जा रहा हैं की इस मुद्दे को लेकर हंगामा बढ़ा और इस दौरान परिजनों ने अस्पताल में उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ की। जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अस्पताल प्रशासन ने इस घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने मांग की हैं। एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस. चंदानी ने जानकारी देते हुए बताया कि मरीज को 21 अक्टूबर को कटघोरा में एक सड़क हादसे के बाद गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दुर्घटना के बाद से ही मरीज की हालत नाजुक थी, क्योंकि उसे बार-बार उल्टियां हो रही थीं, जिसके कारण फेफड़ों में पानी चला गया था। ऐसी स्थिति में यदि उसे तुरंत इलाज न मिलता, तो जान जाने का खतरा था। एनकेएच में भर्ती होने के बाद मरीज की स्थिति में काफी सुधार हुआ, और उसका स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो चुका था। डॉ. चंदानी ने आगे बताया की मरीज के परिजन उसे दूसरे अस्पताल में रेफर करने की मांग कर रहे थे, और अस्पताल प्रबंधन उनकी इस मांग को मानने के लिए तैयार था। लेकिन जब उन्हें बताया गया कि रेफर करने की प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा और पहले बकाया राशि का भुगतान करना जरूरी है, तो वे उग्र हो गए। अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और आवश्यक कागजी कार्यवाही के दौरान तोड़फोड़ की। इसके बाद वे मरीज और उसकी इलाज संबंधी फाईलें लेकर चले गए। प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि मरीज को हरसंभव चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई थी और उसके इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी गई थी। डॉ. चंदानी ने कहा, “हम हर मरीज को बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मरीज की जान बचाने के लिए हमने तत्काल इलाज किया, जिससे उसकी हालत में अब तक सुधार हो चुका है। लेकिन इस प्रकार की घटनाएं हमारे काम में बाधा डालती हैं और हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करती हैं।” 30 अक्टूबर / मित्तल