नई दिल्ली(ईएमएस)। पूर्वी लद्दाख में जारी एलएसी विवाद की हालिया समाप्ति की घोषणा के बाद विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने मंगलवार को भारतीय सेना के कमांडर सम्मेलन के समापन अवसर पर शीर्ष कमांडरों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित हो रहे भू-राजनीतिक खतरों और अवसरों के लिए सैन्य कमांडरों को तैयार रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने देश को प्रभावित करने वाले जटिल हालातों पर प्रकाश डालते हुए मौजूदा दौर में बनी हुई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के विरोधाभासों और चुनौतियों से निपटने की जरूरी तैयारियों के बारे में बताया। विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में सेना के कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हुई। वर्तमान भू-राजनीति की जटिलताओं के साथ-साथ इसकी चुनौतियों, संभावनाओं और अवसरों पर चर्चा की गई। इस दौरान आग्रह किया गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए सरकार के समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। सम्मेलन में सेनाप्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ ही सभी वरिष्ठ सैन्य कमांडर मौजूद थे। वहीं, रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान के मुताबिक, वर्तमान दौर में जारी जरूरी परिवर्तनकारी कदमों को तेजी से आत्मसात करने के लिए सेना प्रतिबद्ध है। मंत्रालय का इसमें पूर्ण सहयोग मिलता रहेगा। सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भी सेना पूरी तरह से तैयार है। सेना और कूटनीति को दिया था श्रेय बताते चलें कि बीते दिनों एलएसी विवाद के खत्म होने पर विदेश मंत्री ने कहा था कि इसके लिए लद्दाख में जमीनी स्तर पर तैनात सेना और कूटनीति दोनों को श्रेय जाता है। हालांकि अभी इलाके में दोनों देशों के बीच पूर्णरूप से विश्वास बहाली और समन्वित सैन्य गश्त की प्रक्रिया की शुरुआत को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जांचने के बाद ही द्विपक्षीय संबंधों को पहले की तरह सामान्य माना जाएगा। लेकिन इस पूरी कवायद में समय लगेगा। यह तत्काल नहीं हो सकता है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच बीते करीब साढ़े चार साल से अधिक समय से जारी विवाद के बाकी बचे हुए देपसांग और डेमचौक के इलाकों से गतिरोध समाप्ति की घोषणा भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर 2024 को की थी। सीडीएस ने संयुक्तता पर दिया जोर सम्मलेन में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने वर्तमान सुरक्षा स्थिति के तहत संयुक्तता के महत्व और बेहतर एकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने तीनों सेनाओं के एकीकरण की दिशा में चरणबद्ध दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की है। वीरेन्द्र/ईएमएस 30 अक्टूबर 2024