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23-Oct-2024
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कजान,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान शहर में आयोजित ब्रिक्‍स समिट में शामिल हुए। ब्रिक्‍स के मंच से उन्‍होंने चीन, रूस सहित पूरी दुनिया को नसीहत देकर कहा कि जंग किसी भी समस्‍या का समाधान नहीं है। पीएम मोदी ने कहा, हम युद्ध नहीं, डायलॉग और कूटनीति का समर्थन करते हैं। पीएम मोदी जब बोल रहे थे तब उनके अगल-बगल चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और राष्‍ट्रपति व्‍लाब्दिमीर पुतिन मौजूद थे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज की बैठक के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। मुझे बहुत खुशी है कि आज हम पहली बार एक्‍सटेंडेड ब्रिक्‍स फैमिली के रूप में मिल रहे हैं। ब्रिक्स परिवार से जुड़े सभी नए सदस्यों और साथियों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं। पिछले एक वर्ष में, रूस की सफल अध्यक्षता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि दोस्तों हमारी बैठक उस समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, क्‍लाइमेट चेंज आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है. विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम डिवाइड की बात हो रही है। महंगाई की रोकथाम, फूड सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, वॉटर सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं। लेकिन इन सभी के बाद भी मेरा मानना है कि एक डाइवर्स और इन्‍क्‍लूसि‍व प्लेटफॉर्म के रूप में, ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है। इस संदर्भ में हमारी अप्रोच पीपुल सेंट्रिक होनी चाहिए। हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है। हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं। आतंकवाद और टेरर फंडिग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा। इसतरह के गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारे देशों के युवाओं में रेडिक्‍लाइजेशन को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए। फ्रेंड्स, भारत नए देशों का ब्रि‍क्‍स पार्टनर के रूप में स्वागत करने के लिए तैयार है। इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से होने चाहिए और ब्रिक्स के फाउंड़िग मेंबर्स के विचारों का सम्मान करना चाहिए। जोहानसबर्ग समिट में जो गाइडिंग प्रिंसिपल्स, स्‍टैंडर्ड , क्राइटेररिया और प्रोसजिर्स हमने अपनाया था, उनका पालन सभी सदस्य और पार्टनर देशों को करना चाहिए। फ्रेंडस, ब्रिक्स ऐसा संगठन है, जो समय के अनुसार खुद को बदलने की इच्छा-शक्ति रखता है। हमें यूएन सिक्‍योरिटी काउंसिल, मल्‍टीलेटरल डेवपलमेंट बैंक्‍स, वर्ल्‍ड ट्रेड आर्गनाइजेशन जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम ग्लोबल इंस्‍टीट्यूशंस में रिफार्म नहीं, बल्कि उन्हें रिप्‍लेस करना चाहते हैं। फ्रेंड्स, विभिन्न प्रकार के विचारों और विचारधाराओं के संगम से बना बिक्स समूह, आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। हमारी विविधता, एक दूसरे के प्रति सम्मान, और सर्वसम्मति से आगे बढ़ने की परंपरा, हमारे सहयोग का आधार हैं। आशीष दुबे / 23 अक्टूबर 2024