ज़रा हटके
23-Oct-2024
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लंदन (ईएमएस) । वैज्ञानिकों के एक ताजा शोध ने साबित किया कि बिल्लियाँ तरल पदार्थ की तरह बर्ताव करने में सक्षम हैं, खासकर तब, जब उन्हें सीमित स्थानों में से गुजरना होता है। हाल ही में, हंगरी के ईटवोस लोरैंड विश्वविद्यालय के एथोलॉजिस्ट पीटर पोंगराज़ द्वारा किए गए एक अध्ययन ने इस विषय पर नई रोशनी डाली है। इस अध्ययन के दौरान, 38 बिल्लियों को उनके आरामदायक घरेलू वातावरण में छोटे-छोटे छेदों की सीरीज का सामना कराया गया। इस प्रयोग में कटे हुए छेदों वाले बोर्ड शामिल थे, जिनकी चौड़ाई और ऊंचाई अलग-अलग थी। दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश बिल्लियाँ छोटे और संकरे छेदों में से बिना किसी झिझक के आसानी से गुजर गईं, यह दिखाते हुए कि वे तरल पदार्थ की तरह अपना रास्ता बना सकती हैं। हालांकि, जब छेद उनके कंधों की ऊंचाई से छोटा होता था, तो बिल्लियाँ हिचकिचाने लगती थीं और वैकल्पिक रास्तों की तलाश करती थीं। इससे यह निष्कर्ष निकला कि बिल्लियाँ न केवल तरल पदार्थों की तरह बर्ताव करती हैं, बल्कि उन्हें अपने शरीर के आकार और सीमाओं का भी सटीक ज्ञान होता है। पोंगराज़ के अनुसार, बिल्लियाँ एक लंबे और संकीर्ण छेद में से निकलने में कोई हिचक नहीं दिखाती हैं, लेकिन छोटे छेदों से रेंगने में वे अधिक सावधानी से काम लेती हैं। यह अध्ययन इस बात को भी उजागर करता है कि बिल्लियाँ अपने आसन को बहुत छोटे छेदों में समायोजित करने में असुरक्षित महसूस कर सकती हैं। इस तरह के व्यवहार को लंबे आकार की बिल्लियों में अधिक देखा गया, जो उनके शारीरिक आकार के बारे में उनकी जागरूकता को दर्शाता है। हालांकि बिल्लियों का तरल पदार्थ की तरह व्यवहार कोई नई अवधारणा नहीं है। 2014 में भौतिक विज्ञानी मार्क-एंटोनी फर्डिन ने अपने पेपर में भी यह साबित किया था कि बिल्लियाँ समय के साथ उन कंटेनरों का आकार अपना लेती हैं, जिनमें वे रहती हैं। यह शोध बिल्लियों की संज्ञानात्मक क्षमताओं और उनके शारीरिक गुणों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है, जो उन्हें अद्वितीय बनाता है। बिल्लियाँ अपने अद्वितीय शारीरिक लचीलेपन और अप्रत्याशित व्यवहार के कारण हमेशा से वैज्ञानिकों और पशु प्रेमियों के लिए जिज्ञासा का विषय रही हैं। सुदामा/ईएमएस 23 अक्टूबर 2024