राष्ट्रीय
22-Oct-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत में सॉफ्टी आइसक्रीम का हर कोई दीवाना हैं। हालांकि, अब सॉफ्टी आइसक्रीम के शौकिनों को आइसक्रीम खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी, क्योंकि जीएसटी अथॉरिटी ने सॉफ्टी आइसक्रीम को दूध उत्पाद के तहत नहीं माना है। राजस्थान बेंच ने हाल ही में इस मामले में एक निर्णय दिया, जिसमें कहा गया कि सॉफ्टी आइसक्रीम का मुख्य घटक दूध नहीं, बल्कि चीनी है। इसलिए, इस दूध उत्पादों पर लगने वाले 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता। इसके बजाय, इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होगी। वीआरबी कंज्यूमर प्रोडक्ट्स नामक कंपनी ने अपने उत्पाद वनीला मिक्स को 5 प्रतिशत जीएसटी वाली श्रेणी में शामिल करवाने के लिए जीएसटी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी के पास आवेदन किया था। कंपनी का तर्क था कि यह उत्पाद प्राकृतिक दूध घटकों से बना है और इसकारण इस 5 प्रतिशत जीएसटी पर होना चाहिए। इस मिक्स का उपयोग संस्थागत खरीदारों द्वारा सॉफ्टी आइसक्रीम बनाने में किया जाता है। हालांकि, जीएसटी अथॉरिटी ने कंपनी के दावे को खारिज कर दिया। उनके अनुसार, उत्पाद में चीनी का अनुपात 61.2 प्रतिशत है, जबकि दूध ठोस केवल 34 प्रतिशत है। जीएसटी अथॉरिटी ने यह निष्कर्ष निकाला कि दूध ठोस चीनी में मिलाया गया है, न कि चीनी दूध ठोस में। इसके अलावा, सॉफ्टी आइसक्रीम में स्टेबिलाइजर्स और फ्लेवरिंग जैसे एडिटिव्स भी होते हैं, जो सॉफ्टी आइसक्रीम को प्राकृतिक दूध उत्पाद की श्रेणी से बाहर रखते हैं। इससे पहले, जीएसटी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने लस्सी, जो एक किण्वित दुग्ध उत्पाद है, को जीएसटी से मुक्त घोषित किया था, जबकि फ्लेवरयुक्त दूध पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू की गई थी। यह मामला दर्शाता है कि दूध युक्त उत्पादों पर जीएसटी को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं, और यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए एक नई चुनौती पेश करता है। आशीष दुबे / 22 अक्टूबर 2024