22-Oct-2024
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जम्मू,(ईएमएस)। पर्यावरणविद सोनम वांगचुक का 16 दिनों से चला आ रहा अनशन सोमवार को खत्म कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय से बातचीत का न्यौता मिलने के बाद उन्होंने अनशन खत्म करने का फैसला किया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय तीन दिसंबर को वांगचुक से बातचीत करेंगे। गृह राज्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी की बैठक होगी। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संयुक्त सचिव ने अनशन पर बैठे कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें गृह मंत्रालय का पत्र सौंपा। लद्दाख बुद्धिस्ट संगठन के प्रधान ने कहा कि हम अपने चार सूत्रीय एजेंडा से पीछे नहीं हट रहे हैं। चार सूत्रीय एजेंडा पर ही बातचीत करेंगे। ना तो इसमें कोई मुद्दा शामिल होगा ना बाहर होगा। मांगों में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठी अनुसूची लागू करने, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और दो लोकसभा की सीटें व एक राज्यसभा की सीट बनाना शामिल है। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठी अनुसूची लागू करने और कई मांगों को लेकर सोनम वांगचुक ने लद्दाखियों के साथ एक सितंबर से लेह से पदयात्रा शुरू की थी। देश के कई हिस्सों से होते हुए 30 सितंबर को सोनम वांगचुक की यात्रा दिल्ली पहुंची। दिल्ली बॉर्डर पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। बाद में दिल्ली पुलिस ने उन्हें दो अक्टूबर को रिहा कर दिया था। रिहा करते समय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि लद्दाख के मुद्दों को लेकर दिल्ली में उनकी पीएम मोदी व गृहमंत्री शाह के साथ बैठक होगी। इस आश्वासन पर जब बाद में उचित कार्रवाई न हुई तो उन्होंने दिल्ली में अनशन शुरू कर दिया था। वांगचुक को दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन करने की अनुमति नहीं मिली थी। इस पर उन्होंने कहा था कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी में कोई ऐसी जगह नहीं है, यहां पर लोग अपनी बात को उठा सकें। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि महात्मा गांधी के देश में उनके पद्चिन्हों पर चलना इतना मुश्किल क्यों है। जंतर मंतर पर अनशन करने की अनुमति न मिलने पर वह लद्दाख भवन में अनशन किया। सिराज/ईएमएस 22अक्टूबर24