राष्ट्रीय
21-Oct-2024
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नई ‎दिल्ली (ईएमएस)। दिवाली का पर्व भारत में समृद्धि, धन और समृद्धि का प्रतीक है। इस अवसर पर देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान कुबेर की पूजा भी महत्वपूर्ण होती है। कुबेर जो धन के देवता माने जाते हैं, उनकी पूजा दीवाली से एक दिन पहले यानि धनतेरस पर की जाती है। यह दिन विशेष रूप से धन और संपत्ति की प्राप्ति के लिए बहुत शुभ माना जाता है। कुबेर जी की पूजा से न केवल आर्थिक समृद्धि बल्कि मानसिक शांति और खुशियों का भी मार्ग प्रशस्त होता है। कुबेर जी की पूजा कब करें: धनतेरस पर विशेष रूप से शाम के समय या शाम को त्रयोदशी तिथि में कुबेर जी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन लोग नए बर्तन, सोना या चांदी खरीदते हैं, जिससे धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके। पूजा के दौरान, एक सुंदर स्थान पर कुबेर जी की प्रतिमा या चित्र रखें और उनकी आरती और मंत्रों का जाप करें। धन और समृद्धि की प्राप्ति: कुबेर जी की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है और आर्थिक समृद्धि की संभावनाएं बढ़ती हैं। वित्तीय समस्याओं का समाधान: नियमित रूप से कुबेर जी की पूजा करने से वित्तीय समस्याएं दूर होती हैं और धन के आगमन के मार्ग खुलते हैं। सुख-समृद्धि: कुबेर जी का आशीर्वाद प्राप्त करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। व्यापार में सफलता: व्यापारियों के लिए कुबेर जी की पूजा विशेष रूप से लाभकारी होती है। इससे व्यापार में तरक्की और लाभ की संभावना बढ़ती है। कर्ज मुक्त होना: कुबेर जी की कृपा से कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो जाते हैं। सतीश/ईएमएस 21 अक्टूबर 2024