अंतर्राष्ट्रीय
18-Oct-2024
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वाशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाईडेन के आमंत्रण पर एक अनूठे एवं ऐतिहासिक क्षण में 35 भारतीय विद्यार्थियों का व्हाइट हाउस में स्वागत किया गया। यह विद्यार्थी राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल के राष्ट्रीय स्कॉलर डेवलपमेंट प्रोग्राम द्वारा प्रारंभिक किशोरावस्था में पहचाने, चिन्हित एवं कई वर्षों तक प्रशिक्षित किए गये हैं और वर्तमान में दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्ति पर स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। वर्ष 2008 में स्थापित डेक्सटेरिटी ग्लोबल एक राष्ट्रीय संगठन है जो शैक्षणिक अवसरों और प्रशिक्षण के माध्यम से भारत एवं विश्व के लिए नेतृत्व की अगली पीढ़ी तैयार करने में कार्यरत है। इसकी आधिकारिक घोषणा डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ शरद विवेक सागर द्वारा सोशल मीडिया पर की गई। बिहार के छोटे शहरों और गांवों में पले-बढ़े सागर ने 16 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की। संगठन का लक्ष्य निम्न और मध्यम आयवर्ग से आने वाले किशोरों एवं युवाओं को प्रशिक्षित करना और उन्हें भारत की राष्ट्रीय यात्रा को शक्ति प्रदान करने के लिए स्कॉलर एवं लीडर के रूप में अपनी शैक्षणिक यात्रा का उपयोग करने में सक्षम बनाना है। आज 16 वर्ष बाद संगठन से प्रशिक्षित युवाओं ने दुनिया भर के शीर्ष विश्वविद्यालयों से ₹275 करोड़ से भी अधिक की छात्रवृत्ति प्राप्त की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के पटलों पर युवा राजदूतों के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एवं फ़ेलोशिप जीती हैं, 1,000 से भी अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर-राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विजय प्राप्त की है और कई सामाजिक परियोजनाओं का सृजन किया है। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने डेक्सटेरिटी को एक असामान्य संस्थान कहा, जबकि द टेलीग्राफ ने डेक्सटेरिटी से प्रशिक्षित किशोरों एवं युवाओं को भारत का भविष्य बताया। इस कार्य के लिए सागर और डेक्सटेरिटी को 2012 में रॉकफेलर फाउंडेशन ने “सदी के 100 सामाजिक नवप्रवर्तकों” की शताब्दी सूची में शामिल किया, 2016 में फोर्ब्स पत्रिका ने विश्व के 30 सबसे प्रभावशाली युवाओं की सूची में सूचीबद्ध किया और 2018 में इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ ने सागर को “क्वीन यंग लीडर्स” की सूची में शामिल किया। व्हाइट हाउस में चार उल्लेखनीय घंटों के दौरान, डेक्सटेरिटी के 35 ग्रेजुएट्स और फेलोज़ को वरिष्ठ व्हाइट हाउस नेतृत्व से बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ, जिसमें व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ जेफ ज़ाइंट्स भी शामिल थे। व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ के साथ बातचीत के बाद, समूह ने अमेरिकी ट्रेजरी में एक घंटे लंबी गहन चर्चा की, जहाँ उन्होंने प्रमुख अधिकारियों के साथ वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया। डेक्सटेरिटी के ग्रेजुएट्स और फेलोज़ की इस ऐतिहासिक यात्रा में व्हाइट हाउस के कई प्रतिष्ठित हॉल, कमरों और उद्यानों का विशेष दौरा भी शामिल था। व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकारी कार्यालय में सर्वोच्च पदस्थ अधिकारी होते हैं। समूह के साथ अपनी व्यक्तिगत बातचीत के दौरान, व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ जेफ ज़ाइंट्स ने कहा, आप सभी सर्वश्रेष्ठ में से भी सर्वश्रेष्ठ हैं। व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ ने अपनी जीवन यात्रा, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में अपनी शानदार उपलब्धियों से मिली सीख, और राष्ट्रपति ओबामा और राष्ट्रपति बाइडेन के साथ नेतृत्व के अनुभवों को साझा किया। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों के नेतृत्व और प्रशासन से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए। प्रत्येक वर्ष, डेक्सटेरिटी के ग्रेजुएट्स और फेलोज़, जो विश्व के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पूर्ण छात्रवृत्ति पर पढ़ाई कर रहे हैं, एक वैश्विक शहर में 3-दिवसीय “ओवरसीज़ मीटअप और रिट्रेनिंग प्रोग्राम” (OMRP) के लिए एकत्रित होते हैं। इससे पहले इसका आयोजन बॉस्टन, शिकागो, लंदन और केम्ब्रिज में हो चुका है, जहाँ डेक्सटेरिटी के विद्यार्थियों का स्वागत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों ने किया है। वहाँ उन्हें ओलंपियन्स, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, सार्वजनिक सेवकों, नवप्रवर्तकों और उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ सीधा संवाद का अवसर प्राप्त हुआ। इस वर्ष OMRP का आयोजन अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन, डी.सी. में हुआ और डेक्सटेरिटी के ग्रेजुएट्स और फेलोज़ का अमेरिकी राष्ट्रपति और फर्स्ट लेडी के आमंत्रण पर व्हाइट हाउस में स्वागत किया गया। आमंत्रित 35 विद्यार्थियों में चार छात्र संघ अध्यक्ष, एक दर्जन से अधिक छात्र सेनेटर, उच्चतम स्नातक और स्नातकोत्तर पुरस्कार प्राप्तकर्ता, पूर्व संयुक्त राष्ट्र के युवा राजदूत एवं न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित कलाकार और लेखक शामिल हैं। यह छात्र भारत के विभिन्न राज्यों से आते हैं, कई भाषाएं बोलते हैं, और वैश्विक संस्थानों में भारत का गौरव पूर्ण प्रतिनिधित्व करते हैं। विद्यार्थियों के साथ व्हाइट हाउस में डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ शरद विवेक सागर भी उपस्थित थे। इसी वर्ष सागर को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने “2024 यंग ग्लोबल लीडर” चुना। सागर ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा चुने जाने वाले भारत के सबसे युवा और बिहार से पहला बनकर इतिहास रचा। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को अपने विश्व-प्रसिद्ध डावोस शिखर सम्मेलन के लिए जाना जाता है। 2016 में सागर राष्ट्रीय एवं वैश्विक खबरों में रहे जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें व्हाइट हाउस की एक विशेष सभा में एकमात्र भारतीय के रूप में आमंत्रित किया। उसी वर्ष सागर को नोबेल पीस सेंटर ने नोबेल पुरस्कार समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। सागर भारत के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में सबसे कम उम्र के और सबसे ज्यादा आमंत्रित विशेषज्ञों में से एक हैं। 24 वर्ष की आयु में फोर्ब्स ने उन्हें विश्व के 30 सबसे प्रभावशाली युवाओं की सूची में पहले बिहारी के रूप में शामिल किया। 2021 में सागर हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में छात्र संघ अध्यक्ष चुने जाने वाले पहले भारतीय बने। व्हाइट हाउस के इस ऐतिहासिक आमंत्रण पर सागर ने कहा, “16 वर्ष पूर्व, मैंने ऐसे युवा स्कॉलर्स एवं लीडर्स को प्रशिक्षित करने का संकल्प लिया था जो अपनी शैक्षणिक यात्रा को भारत की राष्ट्रीय यात्रा से जोड़ पाएँ। हमारे युवाओं का व्हाइट हाउस में चार घंटे से भी अधिक समय बिताना एक ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व बात है। यह भारत के लिए एक असाधारण गर्व का क्षण है और दुनिया भर के किशोरों एवं युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। हम अमेरिका के राष्ट्रपति, फर्स्ट लेडी, व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ और अमेरिकी ट्रेजरी के प्रति हमारी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमारा स्वागत किया और हमें यह अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया। अधिकांश विद्यार्थी अपनी किशोरावस्था से पहले ही डेक्सटेरिटी सिस्टम का हिस्सा बन जाते हैं और कठोर, जीवनभर चलने वाले प्रशिक्षण और पुनः प्रशिक्षण से गुज़रते हैं। वे साधारण पृष्ठभूमि से, भारत के सुदूर शहरों और गांवों से आते हैं और अपनी शैक्षणिक, सामाजिक और जीवन यात्रा में अद्भुत कार्य करते हैं। मैं हमारे किशोरों एवं युवाओं के लिए अत्यंत प्रसन्न हूँ और आशान्वित हूँ कि वह अपनी शिक्षा, प्रशिक्षण एवं नेतृत्व के माध्यम से आने वाले कुछ दशकों में वास्तव में एक भारतीय सदी को साकार करेंगे।” ईएमएस, 18 अक्टूबर, 2024