राज्य
18-Oct-2024
...


वाराणसी (ईएमएस) । पूर्वी उत्तर प्रदेश का एम्स कहा जाने वाला बी एच यू के सरसुंदर लाल अस्पताल में नित नई-नई जांच की मशीनों के लग जाने से मरीजों को अब काफी साहूलियतें हो रही हैं। शासन -प्रशासन की मंशा है कि यहाँ एम्स जैसी अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे कि उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के अन्य राज्यों से आने वाले मरीजों को भी समुचित इलाज की सुविधा मिल सके। बढ़ते हुए कैंसर के मरीजों की संख्या और डिमांड को देखते हुए विभाग के डॉ मनोज पाण्डेय नें कैंसर जाँच हेतु डायमंड लैब के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था, वह प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है। इसके लिए शासन की ओर से एक करोड रुपए भी जारी कर दिए गये हैं । मॉलीक्युलर मॉडल में बनने वाला इस लैब का काम तीन चरणो में पुरा होगा। पहले चरण का काम 3 महीने में पूरा होते ही लैब में जाँच शुरू कर दी जाएगी। प्रोफेसर मनोज पांडे ने कहा कि लैब के शुरू हो जाने से कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत होगी और हर मरीज का यहाँ निःशुल्क जाँच होगा।इस लैब में निजी अस्पताल के मरीजों की भी जांच निःशुल्क होगी। यद्यपि कि यह लैब 3 साल में पूरी क्षमता के साथ संचालित होगा। निजी अस्पताल के मरीजों की जाँच के लिए, उन्हें डॉक्टर के प्रेसिक्रिप्शन लेटर पर कैंसर जांच लिखवा कर लाना अनिवार्य होगा। बी एच यू स्थित सर सुन्दर लाल अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 250 कैंसर के रोगी परामर्श के लिए आते हैं।इन मरीजों का बायोमार्कर और जेनटिक्स सहित कई जाँच आवश्यक होती है। बायोमारकर परीक्षण कैंसर कोशिकाओं में होने वाले बदलाव का पता लगता है। इसमें ट्यूमर का एक छोटा टुकड़ा या रक्त का नमूना लिया जाता है। इससे यह पता चलता है कि कैंसर में कौन से जिन प्रोटीन मौजूद है। कैंसर के लिए कौन सी थेरेपी सबसे कारगर होंगी। डॉ नरसिंह राम /ईएमएस/18अक्टूबर, 2024