अंतर्राष्ट्रीय
18-Oct-2024


बीजिंग (ईएमएस)। चीन के सेंट्रल बैंक ने दो नई फंडिंग स्कीम लांच की, इसके तहत शुरुआती रूप से 800 बिलियन युआन (लगभग 9.36 लाख करोड़ रुपये) पूंजी बाजार में डाले जाएंगे। यह निवेश चीन के सेंट्रल बैंक, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना द्वारा बनाई गई नई मौद्रिक नीति के तहत होगा। दो स्कीमों में एक है स्वैप स्कीम और दूसरी का नाम रीलेंडिंग स्कीम है। यदि चीन इन दोनों योजनाओं को प्रभावी तौर पर लागू करने में सफल रहता है, तब भारतीय शेयर बाजार की तेजी पर लंबे समय के लिए ब्रेक लग सकता है। इस नई योजना के तहत, स्वैप स्कीम की शुरुआत 500 बिलियन युआन (लगभग 5.85 लाख करोड़ रुपये) से की गई है। इसके तहत ब्रोकर फर्म, फंड मैनेजमेंट कंपनियां और बीमा कंपनियां अपने संपत्ति को कोलैटरल के रूप में रखकर सेंट्रल बैंक से लिक्विडिटी प्राप्त कर सकती हैं, ताकि वे शेयर खरीद सकें। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने बताया कि करीब 20 कंपनियों को योजना में भाग लेने की अनुमति दी गई है,और शुरुआती आवेदन 200 बिलियन युआन (लगभग 2.34 लाख करोड़ रुपये) से अधिक तक पहुंच चुके हैं। स्वैप स्कीम को “बाजार की स्थिरता का साधन” कहा जा रहा है, क्योंकि जब बाजार में ज्यादा बिकवाली होती है, तब इसकी मांग बढ़ती है, लेकिन जैसे ही बाजार में सुधार होता है, इस टूल का उपयोग घट जाता है। एक रिपोर्ट में कहा गया, “स्वैप स्कीम एक स्थिरता प्रदान करने के साधन के रूप में काम करेगी, जो बाजार को गिरावट से बचाएगी। इसके अलावा, इस योजना के माध्यम से वित्तीय संस्थान बाजार में गिरावट के समय अपने शेयर बेचने की आवश्यकता के बिना लिक्विडिटी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत बांड, स्टॉक ईटीएफ और सीएसआई 300 इंडेक्स के घटकों में होल्डिंग्स जैसे एसेट्स को सरकारी बांड और सेंट्रल बैंक के बिल जैसी उच्च-तरलता वाली संपत्तियों में बदला जा सकता है, जिससे प्रतिभागियों को आसानी से पैसा प्राप्त हो सकेगा। चीन के सेंट्रल बैंक ने एक और रीलेंडिंग कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका प्रारंभिक मूल्य 300 बिलियन युआन (लगभग 3.51 लाख करोड़ रुपये) है। इसके तहत वित्तीय संस्थानों को पीपल्स बैंक ऑफ चाइना से उधार लेकर लिस्टेड कंपनियों या उनके प्रमुख शेयरधारकों द्वारा शेयर खरीदने में मदद मिल सकेगी। रीलेंडिंग के लिए एक वर्ष का ब्याज दर 1.75 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, और 21 योग्य वित्तीय संस्थान, जिनमें नीतिगत और कमर्शियल बैंक शामिल हैं, हर तिमाही की शुरुआत में इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है। लिस्टेड कंपनियां और उनके प्रमुख शेयरधारक इन बैंकों से 2.25 प्रतिशत तक की ब्याज दर पर ऋण ले सकते हैं, जिसे वे शेयर बायबैक और खरीदारी के लिए उपयोग कर सकते हैं।यह नियम उन सामान्य नियमों का अपवाद है, जिनके तहत बैंक से प्राप्त ऋण सीधे शेयर बाजार में नहीं लगाया जा सकता। आशीष दुबे / 18 अक्टूबर 2024