राष्ट्रीय
18-Oct-2024
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नई दिल्ली(ईएमएस)। फूड डिलीवरी या कैब सर्विस से जुड़ी कई ऐप्स के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। खबर है कि सरकार गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म आधारित नौकरियां करने वालों को बीमा और पेंशन मिलने जैसी व्यवस्था चालू करने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया का कहना है कि हम कोड लागू होने तक ऐसे लोगों को उनके अधिकारों से दूर नहीं रख सकते हैं। गुरुवार को मांडविया ने कहा, हम नियम लागू होने तक उन्हें उनके अधिकारों से दूर नहीं रख सकते। हमें उससे पहले नीति लेकर आनी होगी।उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल फरवरी में बजट से पहले सोशल सिक्युरिटी फ्रेमवर्क लागू करने की कोशिश करेंगे। खास बात है कि कुछ राज्यों ने गिग वर्कर्स के लिए कानून भी बनाए हैं। मंत्री का कहना है कि मंत्रालय सभी सुझावों पर गौर कर रहा है, क्योंकि यहां कोई कर्मचारी और नौकरी रखने वालों के बीच संबंध नहीं है। साथ ही सबसे बड़ी बात है कि ऐसे कर्मचारियों की सोशल सिक्युरिटी के लिए वो योगदान कहां से आएगा, जो उन्हें नौकरी पर रखने वालों की तरफ से किया जाता है।दरअसल, गिग वर्कर्स ऐसे लोगों को कहा जाता है जो आमतौर पर अस्थाई नौकरियां करते हैं। वह स्वतंत्र कॉन्ट्रेक्टर या फ्रीलांसर के तौर पर काम करते हैं। खास बात है कि ऐसे कर्मचारियों के पास काम करने का समय तय करना जैसी सुविधाएं भी होती हैं। ये प्रोजेक्ट आधारित नौकरियां भी करते हैं। नीति आयोग का अनुमान है कि देश में 65 लाख गिग वर्कर्स हैं, लेकिन आंकड़ा दो करोड़ के पार हो सकता है।फ्रेमवर्क लागू होने के इस फैसले को श्रम कानून में शामिल प्रावधानों की सॉफ्ट लॉन्चिंग भी कहा जा रहा है। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि लेबर कोड लागू करने के लिए अभी सभी राज्य तैयार नहीं है। वीरेन्द्र विश्वकर्मा/ईएमएस 18 अक्टूबर 2024