अंतर्राष्ट्रीय
18-Oct-2024


वाशिंगटन,(ईएमएस)। हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह की मौत के बाद हमास प्रमुख बने सिनवार को भी इजरायल ने मौत के घाट उतार दिया। जिसके मरने की पुष्टि इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने की है। इससे पहले उसका डीएनए टेस्ट भी हुआ था। सिनवार को पता था कि आईडीएफ किसी भी हाल में उसे जिंदा नहीं छोड़ेगी। जिसके चलते उसने खुद को बचाने के लिए हर तरह के उपाय किए लेकिन खुद को बचा नहीं पाया। मारे डर के सिनवार ने बंधकों को ढाल बनाकर इजरायल से अपनी जान की भीख मांगी थी। उसने इजरायली सेना से बंधकों की रिहाई के बदले उसे और उसके साथियों को किसी तीसरे देश जाने की गुहार भी लगाई थी। इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सिनवार कुछ दिन महिला के वेश में गाजा में आम लोगों के बीच भी रहा। उसे डर था कि आईडीएफ सुरंगों को लगातार निशाना बना रही है और वह कभी भी मारा जा सकता है। तेहरान में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने बेहद खतरनाक मिशन में इस्माइल हनिया की हत्या कर दी थी। जिसके बाद याह्या (इब्राहिम हसन) सिनवार को हमास का प्रमुख नियुक्त किया गया। सिनवार के बारे में कहा जाता है कि वह बेहद खूंखार और आपराधिक प्रवृत्ति वाला था। मामले के जानकार बताते हैं कि इजरायल के साथ युद्धविराम में लगातार खलल के पीछे सिनवार ही था, क्योंकि वह इजरायल से नफरत करता था और किसी भी सूरत में युद्धविराम के पक्ष में नहीं था। हमास के आधे से अधिक आतंकियों को मौत के घाट उतार चुकी इजरायली सेना ने गुरुवार को कहा कि उसने गाजा में एक ऑपरेशन के दौरान हमास के तीन और आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा दिया है। इसमें एक हमास का चीफ याह्या सिनवार भी है, उसकी मौत की पुष्टि के लिए इजरायली सेना ने डीएनए टेस्ट किया, जिसे जेल में रखने के दौरान इजरायल ने संरक्षित कर लिया था। सिनवार की मौत इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कंफर्म कर ली है। सिनवार को इस्माइल हानियेह के तेहरान में कत्ल के बाद हमास का चीफ बनाया गया था। हानियेह के वक्त वह गाजा प्रमुख और हमास का डिप्टी था। इजरायली सैनिकों के कत्लेआम और अपहरण में 22 साल जेल की सलाखों में रहा। अपना ज्यादातर जीवन शरणार्थी शिविरों में बिताने से उसके मन में इजरायल के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा और बदले की आग थी। 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए अभूतपूर्व हमले के पीछे सिनवार का ही दिमाग था। उसी के कहने पर ईरान और हिजबुल्लाह ने हथियार और पैसों की मदद की थी। इजरायल से नफरत की वजह सिनवार का जन्म 29 अक्टूबर 1962 को गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। 1948 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान उसका परिवार अश्कलोन से विस्थापित हो गया था। यही वजह है कि उसके मन में इजरायल के प्रति नफरत थी। शरणार्थी शिविर में बिताए गए शुरुआती जीवन से उसने इजरायली कब्जे का विरोध करना शुरू कर दिया। जल्द ही वह हमास में शामिल हो गया। सिनवार ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी अध्ययन में डिग्री हासिल की। सिनवार ने 1980 के दशक के अंत में हमास की एक इकाई माजद की स्थापना की, जिसका उद्देश्य इजरायल का समर्थन करने वाले फिलिस्तीनियों की पहचान करना और उन्हें खत्म करना था। आतंकवादी गतिविधियों के कारण 1988 में दो इज़रायली सैनिकों के अपहरण और हत्या की साजिश रचने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया। सिनवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, लेकिन 2011 में इजरायली सैनिक गिलाद शालिट के बदले सौदे में उसे रिहा कर दिया गया था। 7 अक्टूबर के हमले का मास्टरमाइंड था सिनवार पिछले साल 7 अक्टूबर को दक्षिण इजरायल पर हुए आतंकी हमले में जहां 1200 से अधिक लोगों की जान चली गई, उसका मास्टरमाइंड याह्या सिनवार था। उस दौरान सिनवार गाजा में प्रमुख के तौर पर नियुक्त था। उसने ईरान और हिजबुल्लाह के शीर्ष नेताओं से कई बार की मुलाकातें की। इजरायली मीडिया के अनुसार, उसने 2022 जनवरी में ही इजरायल पर हमले की योजना बना ली थी, लेकिन ईरान और हिजबुल्लाह से समय पर मदद न मिल पाने के कारण उसे योजना टालनी पड़ी। सिनवार ने ईरान और हिजबुल्लाह से हथियार और पैसों की मदद मांगी थी। उसने भरोसा दिलाया था कि उनका दिया पैसा वह बर्बाद नहीं होने देगा और इजरायल को तगड़ा सबक सिखाकर रहेगा। पिछले सात अक्टूबर को हुए हमले में गाजा की ओर से इजरायल पर 20 मिनट के भीतर 5000 से अधिक मिसाइलें दागी गई। इसके बाद हमास के आतंकी इजरायली सीमा में घुस आए और जमकर कत्लेआम किया। एक संगीत समारोह में 350 लोगों का कत्ल कर दिया। इसके अलावा 250 लोगों को अगवा कर दिया। वीरेन्द्र विश्वकर्मा/ईएमएस 18 अक्टूबर 2024

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