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18-Oct-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली ने फेशियल रिकॉग्निशन-आधारित एक्सेस कंट्रोल सिस्टम और विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम के साथ एक पायलट प्रयोग शुरू किया है। यह पहल विशेष रूप से ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू जैसे स्थानों पर अवांछित विजिटर को नियंत्रित करने को लेकर है। एम्स नई दिल्ली ने मरीज और स्टॉफ के लिए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम की शुरुआत की है। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल हादसे से सबक लेते हुए एम्स नई दिल्ली ने इसकी पहल की है। फिलहाल, इस प्रोजेक्ट को पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर एम्स के मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक में शुरू किया गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली ने मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक में एक परिष्कृत फेशियल रिकॉग्निशन-आधारित एक्सेस कंट्रोल सिस्टम और विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम के साथ एक पायलट प्रयोग शुरू किया है। यह पहल सुरक्षा पर बढ़ते जोर और विशेष रूप से ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर अवांछित विजिटर को नियंत्रित करने को लेकर है। एम्स के सूत्रों के मुताबिक मरीजों को सबसे अधिक खतरा बाहरी इन्फैक्शन से होता है। ऐसे में किसी भी बाहरी व्यक्ति के आगमन से अस्पताल में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है और अनधिकृत व्यक्तियों के लिए क्लिनिकल क्षेत्रों तक पहुंच की समस्या भी होती है। एम्स सूत्रों के मुताबिक, खासकर रात में ऐसी घटनाएं काफी अधिक होती है। एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने कहा कि आरजी कर अस्पताल में हाल ही में हुई त्रासदी के बाद कर्मचारियों, छात्रों, रोगियों और वार्डों और आउटपेशेंट क्लीनिकों में आने वाले सभी आगंतुकों की सुरक्षा में सुधार करना वांछनीय है। निवारक दृष्टिकोण चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का उपयोग करके इनपेशेंट, डायग्नोस्टिक लैब और सुविधाओं, कार्यालय और अनुसंधान क्षेत्रों में अनधिकृत पहुंच को कम कर सकता है। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली/ईएमएस/18/अक्टूबर /2024