ज़रा हटके
14-Oct-2024
...


लंदन (ईएमएस)। ब्रिटेन ने इन दिनां एक खास मुहिम शुरू की है। वहां कोख में मरे बच्चों का सर्टिफिकेट बनाया जा रहा है। अब तक 50000 से ज्यादा पेरेंट्स ऐसा सर्टिफिकेट बनवा चुके हैं। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल, इसके पीछे एक खास वजह थी। यह योजना उन परिवारों का दुख कम करने के लिए शुरू की गई थी, जिन्होंने प्रेग्नेंसी के दौरान अपने बच्चे को खो दिया। पहले ऐसे बच्चों के रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नहीं थी। जिससे कुछ पेरेंट्स को लगता था कि उन बच्चों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्हें यूं ही हम नहीं भुला सकते। हम उन्हें नाम देना चाहते हैं। उन्हें याद करना चाहते हैं, ऐसे में हमारे पास कुछ भी नहीं है। ऐसे बच्चों को भी मान्यता मिलनी चाहिए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिसकैरेज एसोसिएशन की मुख्य कार्यकारी विक्की रॉबिन्सन ने कहा, यह उन पेरेंट्स की तकलीफ को शेयर करने की एक कोशिश है। हम चाहते थे कि उनके बच्चे की यादें हमेशा उनके साथ रहें। इसलिए यह पहल की गई। इससे उन्हें दुख से उबरने में मदद मिलेगी। बेबी लॉस सर्टिफिकेट योजना को प्रेग्नेंसी लॉस रिव्यू की सिफारिश के बाद लाया गया। जॉर्ज एलियट हॉस्पिटल की मिडवाइफ सामंथा कॉलिंग ने कहा, मैं 1998 से ऐसे तमाम परिवारों के बीच रही हूं, जो अपने बच्चों को खो देते हैं। उनका दर्द असहनीय होता था। अस्पताल से बाहर निकलते वक्त वे अपने बच्चे की कुछ यादें ले जाना चाहते थे। लेकिन हमारे पास कुछ नहीं होता था। अब इन्हें कुछ तो शांति मिलेगी। उन्हें मान्यता मिल रही है कि वे एक और बच्चे के माता-पिता हैं। वह बच्चा वास्तव में मौजूद है। उनके पास है, उनके दिल के करीब है। बेबी लॉस सर्टिफिकेट के लिए वही पेरेंट्स आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने प्रेग्नेंसी के 28 हफ्ते पहले अपने बच्चे को खो दिया। पहले यह योजना 24 हफ्ते तक के बच्चे के लिए थी। सिर्फ वही लोग सर्टिफिकेट के लिए आवेदन दे सकते हैं जो ब्रिटेन के रहने वाले हों। उम्र कम से कम 16 वर्ष होनी चाहिए। सरोगेट मदर भी इसके लिए आवेदन कर सकती हैं। बता दें कि बच्चा अगर कोख में मर जाए, तो माता-पिता के लिए जीवनभर उसे भुला पाना कठिन होता है। वर्षों लोग उसकी याद में तड़पते रहते हैं। कुछ लोग भूलने की कोशिश करते हैं, लेकिन गाहे-बगाहे उसकी याद आ ही जाती है। लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो उसकी याद को सहेजकर रखना चाहते हैं। सुदामा/ईएमएस 14 अक्टूबर 2024