ज़रा हटके
14-Oct-2024
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बीजिंग (ईएमएस)। चीन की बढ़ती बुजुर्ग आबादी ने सरकार और नीति निर्माताओं को चिंतित कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में चीन की 30 करोड़ से अधिक आबादी 60 वर्ष से ऊपर की है, और यह संख्या 2035 तक 40 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। 2050 तक यह आंकड़ा 50 करोड़ के पार हो सकता है। यह स्थिति चीन के लिए एक गंभीर संकट का कारण बनती जा रही है, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर बुजुर्ग आबादी के लिए सामाजिक और आर्थिक ढांचा तैयार करना एक चुनौती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चीन की जन्मदर में जल्द सुधार नहीं हुआ तो यह संकट और भी विकराल हो जाएगा। बीजिंग स्थित युआ पॉपुलेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक हुआंग वेनझेंग ने कहा, यह एक खतरनाक स्थिति है। पेंशन पूल सूख रहा है और हमारी सेना और कामकाजी आबादी बूढ़ी हो रही है। बढ़ती उम्र के साथ पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ भी तेजी से बढ़ रहा है। चीन का पेंशन फंड लगभग समाप्ति की ओर है, क्योंकि बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से पेंशन खर्च भी बढ़ गया है। पेंशन पूल को बचाने के लिए हाल ही में चीन ने पुरुषों की रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 63 और महिलाओं की उम्र 55 से बढ़ाकर 58 कर दी है। हालांकि, इस कदम से कामकाजी लोग नाराज हैं, क्योंकि अधिक समय तक काम करने का दबाव उन पर आ रहा है।राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बुजुर्गों की देखभाल के लिए विशेष कदम उठाएं और उनकी जरूरतों का ध्यान रखें। इसके बावजूद, चीन के सामने आने वाली चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, और अगर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। वीरेन्द्र/ईएमएस 14 अक्टूबर 2024