-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े तेवर नई दिल्ली (ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार केंद्र की सत्ता में आए हैं। केंद्र सरकार के भ्रष्ट और कामचोर अधिकारियों पर अब सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। निर्णय नहीं लेने वाले, काम मे लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की पहचान कर समय से पहले रिटायर्ड करने का निर्णय मंत्रिमंडल ने लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काउंसिल आफ मिनिस्टर्स की बैठक में मंत्रियों और सचिवों को मिशन मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालयों के कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने की बात कही गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तेज करने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय सिविल सेवा नियमों का उल्लेख करते हुए कहा, केंद्र सरकार में पदस्थ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों का मूल्यांकन किया जाए। ईमानदार अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाए, जो अधिकारी भृष्ट और निकम्मे हैं। उनको समय के पहले सेवानिवृत्ति देकर घर बैठा दिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 साल में मिली 4.5 करोड़ शिकायतों का उल्लेख करते हुए कहा,इस स्थिति में सुधार लाने की जरूरत है। - 3 महीने के नोटिस में टाटा-बाय-बाय अगर सरकारी कर्मचारी सेवा में बने रहने के लिए अयोग्ग साबित होते हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें तीन माह का नोटिस देकर सेवानिवृत्ति दी जा सकती है. 55 साल पूरे होने के बाद भी सेवा से रिटायर किया जा सकता है। इन नियमों के तहत अभी तक 500 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सभी मंत्रियों से कहा है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज की लगातार समीक्षा करें। भृष्ट और कामचोर अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएं।