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11-Oct-2024
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-भारत ने आसियान की एकता का सदैव समर्थन किया -टाइफून यागी से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं वियनतियाने,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में जहां आइफून यागी प्रभावित लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं वहीं आसियान की एकता का भारत द्वारा सदैव समर्थन किए जाने की अहम बात कही है। पीएम मोदी ने विएनशेन, लाओ पीडीआर में अपना संबोधन देते हुए क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार भी साझा किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में सबसे पहले टाइफून यागी से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सद्भाव के तहत मानवीय सहायता उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि भारत सदैव से ही आसियान की एकता एवं केंद्रीयता का समर्थन करता आया है। भारत का इंडो-पेसिफिक विजन और क्वाड सहयोग का केंद्रबिंदु आसियान ही है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में दक्षिणी चीन सागर की शांति, सुरक्षा और स्थिरता को अन्य सभी देशों के हित में बताते हुए कहा कि समुद्री गतिविधियां यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी के तहत ही संचालित होनी चाहिए। इसके साथ ही पीएम मोदी ने स्वतंत्रता के अधिकारों की सुरक्षा और प्रभावी कोड ऑफ कंडक्ट बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि ताकि क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर अंकुश नहीं लगाया जा सके। इस बीच पीएम मोदी ने म्यांमार की स्थिति पर आसियान दृष्टिकोण का समर्थन किया और कहा, कि म्यांमार को अलग करने की बजाय भारत उसके साथ बातचीत करने का पक्षधर है। वैश्विक संघर्ष का नकारात्मक प्रभाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में वैश्विक संघर्षों का जिक्र किया और कहा कि वैश्विक संघर्ष का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है। ऐसे में सभी देशों को शांति और स्थिरता की बहाली की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युद्ध का युग समाप्त हुआ और समस्याओं का समाधान रणभूमि से नहीं निकलेगा। ऐसे में उन्होंने शांति और स्थिरता बहाली पर जोर दिया है। आतंकवाद गंभीर चुनौती पीएम मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया और कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाली शक्तियां एकजुट हों, ताकि इससे छुटकारा मिल सके। इस दौरान उन्होंने साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष आदि क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया और सफल शिखर सम्मेलन के लिए लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सिपानदोन को बधाई दी और आगामी अध्यक्ष मलेशिया को शुभकामनाएं प्रेषित कीं। म्यांमार पर हुई चर्चा ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध पर भी गंभीर चर्चा की गई। गौरतलब है कि फरवरी 2021 में म्यांमार की सेना ने आंग सान सू की सरकार का तख्तापलट कर सत्ता की डोर अपने हाथों में ले ली थी। इसके बाद हुई हिंसा और सैन्य कार्रवाई में करीब 6,000 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 लाख से अधिक विस्थापित हो गए हैं। इससे म्यांमार में विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। जापान और न्यूजीलैंड से द्विपक्षीय बातचीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाओस की राजधानी वियनतियाने में ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने से पहले वियनतियाने में बीती शाम जापान के प्रधानमंत्री इशिबा के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। इस बैठक के बाद ही पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, कि जापानी पीएम इशिबा से मिलकर उन्हें खुशी हुई। सेमीकंडक्टर बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा हुई। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ भी पीएम मोदी की द्विपक्षीय बातचीत हुई। इसी बीच पीएम मोदी ने क्रिस्टोफर लक्सन को भारत आने का न्यौता दिया। इस बैठक में व्यापार, निवेश, डिफेंस, डेयरी, स्पेस और पर्यटन जैसे मुद्दों पर गहन बातचीत हुई। बैठक उपरांत पीएम क्रिस्टोफर ने कहा कि वो भारत के फैन हैं। गाला डिनर में हुए शामिल पीएम मोदी बैठकों के बाद लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफानडोन के निमंत्रण पर गाला डिनर में शामिल हुए। भोजन के दौरान पीएम मोदी ने अनेक नेताओं से औपचारिक मुलाकात की। एक दशक की एक्ट ईस्ट पॉलिसी पीएम मोदी की सरकार वाली एक्ट ईस्ट पॉलिसी के इस साल 10 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। एक दशक पूर्ण होने के कारण पीएम मोदी का दौरा बेहद अहम हो गया है। बताते चलें कि एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ भारत की डिप्लोमेसी का बेहद अहम हिस्सा है, जिसका ध्येय दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को बेहतर और मजबूत बनाना है। पीएम मोदी ने इस अहम पॉलिसी की घोषणा 2014 में इंडिया आसियान समिट के दौरान की थी। आसियान यानी 10 देशों का समूह एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स अर्थात आसियान की स्थापना 1967 में बैंकॉक में की गई थी। यह दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय समूह है। इसके 10 देश सदस्य हैं, जिनमें- इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, म्यांमार, कंबोडिया, ब्रुनेई और लाओस शामिल हैं। भारत ने साल 2022 में आसियान देशों के साथ कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप (सीएसपी) हस्ताक्षरित किया था। हिदायत/ईएमएस 11अक्टूबर24