हवाला, क्रिप्टो और इंटरनेशनल रोमिंग सिम से विदेश में बैठे ठगों तक पहुंचता है भोपाल (ईएमएस)। शहर में डिजिटल अरेस्ट के अब तक कई मामले पुलिस के पास जांच में हैं। सभी मामलों में पैसा पहले 4, फिर 16 और उसके बाद 50 खातों में होते हुए विदेश पहुंच रहा है, वहीं विदेश में बैठे ठग हवाला, क्रिप्टो और इंटरनेशनल सिम का उपयोग कर पैसा ले रहे हैं। देशभर में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। इसके लिए ठगों ने एक पूरा नेटवर्क बना रखा है। ठगों ने कई राज्यों में अपने एजेंटों के माध्यम से सैकड़ों खाते किराए पर लिए हुए हैं। इसका उपयोग ठगी के पैसे के लिए होता है। डिजिटल अरेस्ट के बाद ठग लोगों को धमकाकर चार से पांच खातों में पैसा डलवाते हैं। इसके बाद उनके एजेंट यह पैसा 16 और फिर 50 खातों में ट्रांसफर कर देते हैं। इसके बाद यह पैसा दुबई, सिंगापुर, पाकिस्तान जैसे देशों में बैठे ठगों के पास पहुंचता है। पुलिस को यह भी अंदेशा है कि ये सभी ठग भारतीय हैं, क्योंकि वे वीडियो कॉल पर पुलिस की ड्रेस में हिंदी में ही बात करते हैं। इसके अलावा जांच में यह बात भी सामने आई है कि ये ठग हवाला, क्रिप्टो और इंटरनेशनल रोमिंग सिम का उपयोग भी करते हैं। कई मामलों में हवाला से पैसा विदेश पहुंचा है तो कुछ मामलों में क्रिप्टो के माध्यम से। वहीं रोमिंग सिम के माध्यम से ठग विदेश में बैठे हुए ही ठगी का पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं। इसके लिए उनको भारत में रहने की आवश्यकता नहीं होती। अब एक साथ ब्लॉक हो रहे खाते कुछ समय पहले नेशनल स्तर पर दिल्ली में साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक सेंटर बनाया गया है। इसमें बैंक, राज्यों की पुलिस सहित कई विभागों को जोड़ा गया है। वहीं यह सिस्टम भी तैयार किया गया है कि अब 1930 पर शिकायत आते ही एक साथ सभी खातों को ब्लॉक कर दिया जाता है। इसके चलते कई मामलों में अब ठगी का पैसा बच रहा है। पहले पुलिस को इतने खातों को एक साथ ब्लॉक करवाने में परेशानी होती थी और ठग पैसा निकालने में सफल हो जाते थे। नए कानून में 14 दिन में एफआईआर करने का प्रावधान आमतौर पर पुलिस डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में पहले केवल शिकायत दर्ज कर लेती थी और एफआईआर नहीं करती थी, लेकिन अब नए कानून में प्रावधान है कि पुलिस को शिकायत दर्ज होने के तीन दिन में फरियादी के बयान लेना है और 14 दिन में एफआईआर दर्ज करनी है। यदि पुलिस ऐसा नहीं करती है तो फरियादी कोर्ट की शरण ले सकता है। विनोद/ 10 अक्टूबर/2024