जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना चल रही है। मतगड़ना के दौरान चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर बवाल देखने को मिल रहा है। एग्जिट पोल के रुझान और शुरुआती मतगणना के रुझान के बाद जिस तरह से हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम का रुझान देखने को मिल रहा है। उसके बाद तरह-तरह की आशंकाएं और संदेह सामने आते चले गए। लोग समझ ही नहीं पाए, कि ईवीएम में यह कैसा चमत्कार हुआ है। जिसके कारण अप्रत्याशित चुनाव परिणाम का रुझान देखने को मिल रहा है। चुनाव आयोग का जो पोर्टल है, मतगणना केंद्रों मे सातवें चरण की मतगणना हो रही थी। चुनाव आयोग के पोर्टल में पहली और दूसरे चरण की मतगणना दिखाई जा रही थी। चुनाव आयोग का पोर्टल काफी विलंब से जानकारी दे रहा था। चुनाव आयोग का पोर्टल कई कई घंटे बाद अपग्रेड हो रहा था। चुनाव आयोग द्वारा मीडिया के लिए एडवाइजरी जारी की गई। वह अपनी ओर से मतगणना की जानकारी को नहीं दिखाएं। मीडिया हाउस को बोला गया कि केवल चुनाव आयोग के पोर्टल की जानकारी को ही प्रसारित करें। ऊसके कारण आशंका और बवाल देखने को मिलने लगा। कांग्रेस पार्टी अपनी शिकायतों का पुलिंदा लेकर चुनाव आयोग के पास शिकायत करने के लिए पहुंच गई। चुनाव आयोग उनकी शिकायत पर क्या कार्रवाई करेगा। यह सभी को मालूम है। कांग्रेस कितनी भोली है, जो सब कुछ जानते हुए भी चुनाव आयोग के पास अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंच गई। हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर जिस तरह के दावे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ने मतदान होने के पहले ही दावा कर दिया था, इस बार हरियाणा के विधानसभा चुनाव परिणाम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह सभी को आश्चर्यचकित करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एवं अन्य भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने मतदान के बाद और मतगणना के पहले इसी तरह के दावे किए थे। वह दावे अब चुनाव परिणाम में परिवर्तित होते हुए दिख रहे हैं। इस बार हरियाणा के चुनाव परिणाम सबको आश्चर्यचकित करेंगे। यदि यह दावा प्रधानमंत्री ने किया था,तो उसे सच साबित करके भी दिखाया है। हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम सभी को आश्चर्यचकित कर रहे हैं। जमीनी हकीकत को लेकर पिछले 15 दिनों में फील्ड पर आम जनता का जो रुझान देखने को मिल रहा था। उसको देखते हुए यह कहां जा रहा था कि यह चुनाव जनता लड़ रही है। हरियाणा की जनता जनता भारतीय जनता पार्टी को इस बार चुनाव हरा रही है। हरियाणा विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को इसका लाभ मिल रहा है। 50 से लेकर 65 सीटों तक कांग्रेस को मिलने का दावा मतदान के बाद एग्जिट पोल में भी देखने को मिला। मंगलवार को ज़ब मतगणना शुरू हुई। शुरूआती रुझान में एग्जिट पोल सही होते हुए दिखा। जैसे ही ईवीएम मशीन की गिनती शुरू हुई। उसके बाद हर चरण की गिनती के बाद भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में ईवीएम में आंधी की तरह वोट गिरते हुए दिखे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार में भाजपा नेताओं को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा था जगह-जगह पर उनका विरोध हो रहा था। लगभग यह माना जा रहा था कि इस बार हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम अप्रत्याशित होंगे। इस बार 18 20 सीटों पर बीजेपी हरियाणा में सिमट कर रह जाएगी। हरियाणा मैं जिस तरह के चुनाव परिणाम देखने को मिल रहे हैं। वह सचमुच सभी को आश्चर्यचकित कर रहे हैं। जो जीता वही सिकंदर की तर्ज पर हरियाणा में भाजपा की सरकार तीसरी बार बनना तय हो गई है। जम्मू कश्मीर में शायद भाजपा की सरकार नहीं बन पाए। लेकिन जम्मू कश्मीर में सारे अधिकार उपराज्यपाल के पास है। जम्मू कश्मीर में विपक्षी गठबंधन की यदि सरकार बनेगी। तो उसकी स्थिति भी दिल्ली सरकार की तरह ही होगी। वहां पर सरकार नहीं भी बनेगी,तो भी सरकार के सारे अधिकार उप राज्यपाल के पास हैं। कुछ ही महीनो में जम्मू कश्मीर में भाजपा को स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाने मे कोई दिक्कत नहीं होगी। बहरहाल चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से विपक्षी दलों ने आरोप लगाए थे। चुनाव परिणाम आने के बाद से विपक्षी दलों ने चुप्पी साध रखी थी। उससे इतना तो स्पष्ट है,विपक्षी दलों को चुनाव आयोग के ऊपर विश्वास है। या विपक्षी दलों की हैसियत चुनाव आयोग से लड़ने की नहीं है। जब चिड़िया चुग गई खेत, तब चुनाव आयोग और ईवीएम मशीन पर कोई भी ढीकरा फोड़ने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद एडीआर की जो रिपोर्ट आई थी। उसमें लोकसभा की 79 सीटों में डाले गए मत, गिने गए मत, और बढे मतों के बीच में बहुत बड़ा अंतर एडीआर की रिपोर्ट ने बताया गया था। सोशल मीडिया पर कई दिनों तक इसकी चर्चा होती रही। चुनाव आयोग ने एडीआर की रिपोर्ट पर अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। सभी विपक्षी दलों ने उस समय मौन साध रखा था। हरियाणा के विधानसभा चुनाव परिणाम ने यह तय कर दिया है। तीसरी बार भी हरियाणा में भाजपा की सरकार बनना तय है। हरियाणा के नाराज पहलवान, किसान, और युवाओं ने तमाम नाराजी के बाद भी भाजपा के पक्ष में मतदान कर भाजपा के प्रति अपना भरोसा जताया है। यह चुनाव परिणाम से स्पष्ट हो गया है। हरियाणा के चुनाव परिणाम का असर महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव परिणाम भी भाजपा के पक्ष में होंगे। इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। विपक्ष हमेशा की तरह विधवा विलाप करता रहेगा। चुनाव आयोग को जीत का सर्टिफिकेट देना है। एक बार सर्टिफिकेट मिल गया, सरकार बन गई। अब सही और गलत का फैसला अगले चुनाव तक भी नहीं होना है। ऐसी स्थिति में जो जीता, जैसे जीता, वही सिकंदर है। ईएमएस / 08 अक्टूबर 24