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05-Oct-2024
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- 5 दिनो में भारतीय निवेशकों को 16.5 करोड़ का नुकसान - भारतीय शेयर बाजार से जमकर हुई मुनाफा वसूली - शेयर बाजार की गिरावट थामने के लिए म्युचुअल फंड से 2 लाख करोड़ का निवेश मुंबई (ईएमएस) भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर 1992 के हर्षद मेहता घोटाले की याद ताजा कर रहा है भारतीय शेयर बाजार से जमकर मुनाफा वसूली हो रही है पिछले 10 सालों से भारतीय शेयर बाजार बड़ी तेजी के साथ हवा में उड़ रहा था लेकिन अब शेयर बाजार में मुनाफाखोरी और बिकवाली का दौर शुरू हो गया है जिसके कारण शेयर बाजार में हड़कंप मचा हुआ है पिछले 5 दिनों में सरकार और वित्तीय संस्थाओं ने शेयर बाजार की गिरावट को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं लेकिन कोई भी प्रयास सफल साबित नहीं हो पा रहे हैं। भारत में खरीदो चीन में बेचो पिछले 2 साल से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में बड़ा खेल कर रहे थे यह भारत में शेयर खरीदते थे और चीन के बाजार में जाकर बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे थे चीन की सरकार ने अब अपनी आर्थिक नीति को बदल दिया है चीन के शेयर बाजार में स्टीम्यूलस पैकेज का ऐलान किया है इस परिवर्तन से चीन के शेयर मार्केट में काफी तेजी देखने को मिल रही है चीन के शेयर बाजार में पिछले एक सप्ताह में लगभग 25 फ़ीसदी की तेजी देखने को मिली है वहीं भारत में निफ्टी और बीएसई दोनों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है 88000 का अंक छूने के बाद भारतीय शेयर बाजार 81793 पर आकर शुक्रवार को बंद हुआ चीन के बाजार में लौटी रौनक चीन का शेयर बाजार इन दोनों विदेशी निवेशकों का सबसे पसंदीदा बाजार है चीन के शेयर बाजार से जो निवेश निकालकर एक समय पर जापान भारत दक्षिण कोरिया इंडोनेशिया मलेशिया इत्यादि देशों में निवेश हुआ था वह इन बाजारों से निकलकर फिर से चीन के शेयर बाजार में निवेश हो रहा है भारतीय शेयर बाजार में हिडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद जो अस्थिरता का माहौल बना हुआ है उसके कारण भी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से निकलकर अपना निवेश सुरक्षित करना चाहते हैं 4 दिन में विदेशी निवेशकों ने बेचे 32000 करोड़ के शेयर विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में पिछले चार दिनों में 32000 करोड रुपए से अधिक के शेर भेज दिए हैं घरेलू बाजार में गिरावट की आशंका बनी हुई है सरकार सेबी और वित्तीय संस्थानों की निगाहें शेयर बाजार के कारोबार की पल-पल की जानकारी ले रही है इसके बाद भी शेयर बाजार की गिरावट को रोकने के लिए अभी तक जो प्रयास किए गए हैं वह सब निष्फल साबित हुए हैं म्युचुअल फंड भारतीय शेयर बाजार की गिरावट को रोकने तत्पर भारतीय शेयर बाजार से जिस तरह से विदेशी निवेशक रिकॉर्ड बिकवाली कर रहे हैं उसके बाद से घरेलू निवेशक वित्तीय संस्थाएं भारतीय जीवन बीमा निगम म्युचुअल फंड और बैंकिंग सेक्टर से खरीदारी की जा रही है उसके बाद भी बाजार को गिरने से रोकने में सफलता नहीं मिली है सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को काफी प्रयास करने के बाद भी 900 अंक फिसल गया इसके बाद म्युचुअल फंड को इस गिरावट को रोकने के लिए अधिक निवेश करने के लिए कहा गया है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2 लाख करोड रुपए का निवेश म्युचुअल फंड करेंगे। शुक्रवार को जिस रफ्तार से निवेश किया जा रहा था उसी रफ्तार से बिकवाली हो रही थी मुनाफा वसूली के कारण जो भी पैसा शेयर बाजार में डाला गया वह सब मिनटों में स्वाहा हो गया इजरायल ईरान युद्ध, आर्थिक मंदी और कच्चे तेल की आशंका से शेयर बाजार सहमे अंतरराष्ट्रीय बाजार में युद्ध की आशंका से कच्चे तेल के दाम लगभग 6 डालर बढ़कर 77 डॉलर पर पहुंच गए हैं 1 अक्टूबर को इसराइल पर ईरान के हमले से पहले कच्चे तेल का दाम 70 डॉलर प्रति बेरल थाजो अब 77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है अमेरिका रूस ईरान इजराइल के जो बयान सामने आ रहे हैं उसके बाद युद्ध की आशंका और बढ़ गई है। आर्थिक मंदी को लेकर भी वैश्विक व्यापार में घबराहट देखी जा रही है आयात और निर्यात दोनों व्यापार प्रभावित हो रहे हैं युद्ध की आशंका को देखते हुए सोने पर निवेश बढ़ने से इसका असर शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है शेयर बाजार के माध्यम से भारतीय पूंजी विदेश में निवेश 2014 के बाद से शेयर बाजार में जो परिवर्तन देखने को मिला है उसके बाद भारतीय शेयर बाजारों में जिस तरीके से विदेशी निवेश आ रहा था इस तरह से भारतीय निवेशक भी विदेशों में भारी निवेश कर रहे थे पहली बार भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली और मुनाफाखोरी घबराहट के साथ देखने को मिल रही है जिसके कारण भारत की वित्तीय संस्थानों की हालत भी दय से दयनीय होती जा रही है। भारत के बैंक वित्तीय संकट में पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थाओं ने बड़े पैमाने पर शेयर बाजार में निवेश किया है जिस तरह से बाजार में पिछले कुछ वर्षों से निरंतर मुनाफा वसूली हो रही है उसको देखते हुए अब यह आशंका प्रकट की जा रही है कि भारतीय बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम जैसी संस्थाएं आर्थिक संकट के दौर से गुजर सकती हैं अभी तक उनकी बैलेंस शीट जो मुनाफा दिख रही है इसका मुख्य कारण शेयर बाजार से जो आए हो रही थी उन्होंने वित्तीय संस्थानों की बैलेंस शीट को बहुत अच्छा बना कर रखा था यदि शेयर बाजार इसी रफ्तार से दो-चार दिन और गिरे तो भारतीय विधि संस्थाओं की हालत भी खराब होते देर नहीं लगेगी जिसके कारण छोटे निवेशकों मैं घबराहट देखने को मिल रही है। एसजे/ 05 अक्टूबर 24