राज्य
03-Oct-2024
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-अपर मुख्य सचिव अभिनव पल्लव पर मेहरबान बालाघाट (ईएमएस)। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिला वन विभाग के वनमंडल अधिकारी अभिनव पल्लव का स्थानांतरण एक बार फिर विवादों का विषय बन गया है। आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया है। सूत्रों के अनुसार, अभिनव पल्लव का कार्यकाल नक्सल प्रभावित इस जिले में आर्थिक लाभ कमाने के लिए कुख्यात रहा है। उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन बालाघाट के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) द्वारा इन मामलों को ठंडे बस्ते में डालने की बात सामने आई है। अभिनव पल्लव ने दक्षिण सामान्य वन मंडल में स्थानांतरण की पूरी कोशिश की थी, लेकिन समाचार पत्रों में उनके भ्रष्टाचार के मामलों की रिपोर्टिंग के चलते उन्हें सामान्य वन मंडल में ही पदस्थ रखा गया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पल्लव ने अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को दरकिनार किया। जब यह मुद्दा सार्वजनिक हुआ, तब उन्होंने अपने ठेकेदारों को बचाने के प्रयास किए। जानकारों का मानना है कि वरिष्ठ वनाधिकारियों के बालाघाट दौरे के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पल्लव को उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि पल्लव के खिलाफ शिकायतों की जांच निष्पक्ष रूप से नहीं हो सकती, और यह स्थिति भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रही है। सीसीएफ बालाघाट की भूमिका भी इस मामले में सवालों के घेरे में है। इसके साथ ही विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल भी अभिनव पल्लव पर मेहरबान नजर आ रहे है। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश सरकार, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की बात करती है, कैसे भ्रष्ट नौकरशाही को संरक्षण दे रही है।