ज़रा हटके
03-Oct-2024
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नामिबिया (ईएमएस)। नामिबिया की हिम्बा जनजाति, जो आज भी अपनी परंपराओं के साथ बेहद अनोखे और चौंकाने वाले रीति-रिवाजों का पालन कर रही है। हिम्बा जनजाति की एक प्रमुख परंपरा यह है कि यहां की महिलाएं अपने पतियों की अनुमति से अजनबी पुरुषों के साथ रात बिता सकती हैं। यह प्रथा इस जनजाति में आतिथ्य और सम्मान का एक हिस्सा मानी जाती है। जब भी किसी पुरुष का कोई मेहमान आता है, तो उस मेहमान को अपनी पत्नी के साथ संबंध बनाने की अनुमति दी जाती है। इस परंपरा को इस जनजाति में पत्नी साझा या वाइफ स्वैपिंग के रूप में देखा जाता है। यह सिर्फ आतिथ्य का रूप नहीं है, बल्कि इसे यौन ईर्ष्या को कम करने का एक तरीका भी माना जाता है, जिससे घरेलू कलह की संभावना कम होती है। हिम्बा जनजाति में तलाक भी एक सामान्य प्रक्रिया है और इसे लेकर कोई विशेष सामाजिक दबाव नहीं होता। महिलाएं आसानी से तलाक ले सकती हैं, और इस समाज में विवाहेतर संबंध कोई बड़ी बात नहीं मानी जाती। यहां के लोग इसे अपने सामाजिक ढांचे का एक हिस्सा मानते हैं, और हर बच्चे का पालन-पोषण करने के लिए एक सामाजिक पिता की व्यवस्था होती है। हिम्बा जनजाति की महिलाएं यहां के समाज में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे पुरुषों की तुलना में अधिक मेहनत करती हैं और समाज के कई कामकाज की जिम्मेदारी निभाती हैं। जानवरों की देखभाल, खाना बनाना, घर की साफ-सफाई और बच्चों की देखभाल जैसी जिम्मेदारियां मुख्य रूप से महिलाओं के हिस्से में आती हैं। यहां तक कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी महिलाएं परिवार के संचालन में अहम भूमिका निभाती हैं। हिम्बा जनजाति में बहुपत्नी प्रथा सामान्य है। अधिकांश पुरुषों की एक से अधिक पत्नियां होती हैं। इसके बावजूद, एक अध्ययन से पता चला है कि यहां के 70 प्रतिशत पुरुष ऐसे बच्चों का पालन-पोषण करते हैं, जिनके असल पिता वे नहीं होते। यह तथ्य सभी को पता होता है, फिर भी समाज में इसे लेकर कोई विशेष आपत्ति नहीं होती। यहां के लोग इसे जीवन का एक सामान्य हिस्सा मानते हैं। हालांकि, हिम्बा जनजाति की यह पारंपरिक जीवनशैली अब धीरे-धीरे खतरे में पड़ रही है। पश्चिमी सभ्यता के बढ़ते प्रभाव के कारण हिम्बा जनजाति के कई युवा अब अपनी परंपराओं को लेकर शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं। एक इंटरव्यू में हिम्बा समुदाय के ओवेन काटापारो ने कहा कि जब वे पारंपरिक कपड़ों में गांव से बाहर जाते हैं, तो लोग उन्हें अजीब नजरों से देखते हैं। इसी कारण युवा पीढ़ी अब पश्चिमी परिधान पहनना और वहां की संस्कृति अपनाना पसंद कर रही है। उनका मानना है कि इससे बाहरी लोग उन्हें अधिक गंभीरता से लेते हैं। हिम्बा जनजाति का जीवन आधुनिकता और परंपरा के बीच संघर्ष का सामना कर रहा है। सुदामा/ईएमएस 03 अक्टूबर 2024