सिडनी (ईएमएस)। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में दो मछुआरों के हाथ एक बेहद दुर्लभ ओरफिश मछली लगी है। इस मछली को कई सभ्यताओं और मान्यताओं में कयामत का प्रतीक माना जाता है। इसे प्राचीन कथाओं और लोककथाओं में तबाही और प्रलय से जोड़ा जाता है। इस मछली का दिखाई देना कई देशों, खासकर चीन और जापान, में अपशकुन माना जाता है। वहां की मान्यताओं के अनुसार, जब यह मछली समुद्र में दिखती है, तो प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भूकंप या सुनामी, का आगमन होने वाला होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के टिवी आइलैंड के पास कर्टिस पीटर्सन और उनके दोस्त को यह विशाल मछली मिली। उन्होंने इस मछली के साथ अपनी तस्वीरें फेसबुक पेज पर पोस्ट कीं। टिवी आइलैंड, ऑस्ट्रेलिया के नॉर्दर्न टेरेटरी में डारविन से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ओरफिश को समुद्र में हजारों फीट नीचे तैरने वाली मछली माना जाता है, और इसकी सतह पर उपस्थिति बेहद दुर्लभ होती है। यह मछली अक्सर 3000 फीट की गहराई में पाई जाती है और अधिकांश मामलों में इसकी लाश समुद्र तट पर बहकर आती है। इसलिए मछुआरों के हाथ इसका जीवित पकड़ में आना एक बड़ी आश्चर्यजनक घटना मानी जा रही है। इस मछली की लंबाई 9-10 मीटर तक हो सकती है, और इसका शरीर सांप जैसा दिखता है, जिसकी वजह से इसे प्राचीन समय में समुद्री राक्षस कहा जाता था। जापानी मान्यताओं में इसे समुद्री सांप के रूप में देखा जाता था, और कहा जाता है कि जब यह मछली दिखाई देती है, तो उसके बाद भूकंप आता है। हाल ही में कैलिफोर्निया में भी इस मछली को समुद्र तट पर देखा गया था, और इसके दो दिन बाद ही वहां भूकंप आया था। सुदामा/ईएमएस 28 सितंबर 2024