राष्ट्रीय
23-Sep-2024
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- मंदिर निर्माण में सात देशों के लगे हैं पत्थर, ब्रह्मकुंड में 400 नदियों का पानी नई दिल्ली (ईएमएस)। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, भारत में नहीं बल्कि अमेरिका के न्यू जर्सी शहर में भी स्थित है। यह मंदिर न्यूयॉर्क सिटी के पास है और इसका निर्माण दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के समान किया गया है। खास बात यह है कि इस मंदिर को बनाने में सात देशों के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इस मंदिर का उद्घाटन 8 अक्टूबर 2022 को हुआ था और इसकी ऊंचाई 191 फुट है। यहां स्वामीनारायण की पूजा की जाती है। मंदिर निर्माण में इस्तेमाल किए गए पत्थरों को बुल्गारिया, इटली, यूनान, तुर्की और भारत समेत कई देशों से मंगवाया गया है। इसके ब्रह्मकुंड या बावड़ी में दुनियाभर की 400 नदियों और झीलों का पानी भरा गया है, जिसमें भारत की गंगा और यमुना का भी पानी शामिल है। स्वामीनारायण, जिनका जन्म 1781 में अयोध्या के पास छपिया गांव में हुआ था, उनको घनश्याम पांडे के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषियों ने उनके जन्म के समय भविष्यवाणी की थी कि वह दुनियाभर के लोगों को सही दिशा दिखाने का कार्य करेंगे। आठ साल की उम्र में उनका जनेऊ संस्कार हुआ और 11 साल की उम्र में उन्होंने सभी शास्त्रों का अध्ययन कर लिया था। स्वामीनारायण ने माता-पिता के निधन के बाद घर त्यागकर सन्यास लेने का फैसला किया और भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की। अंततः वह गुजरात पहुंचे, जहां उनके कई अनुयायी बन गए। स्वामीनारायण ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने के लिए काम किया और पुरुषोतम नारायण के नाम से जाने जाने लगे। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और विरासत का प्रतीक भी है, जो दुनिया भर में हिंदू धर्म के प्रति आस्था को बढ़ावा देता है। मंदिर का निर्माण और इसका विशालता दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति कैसे वैश्विक स्तर पर फैली है और लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है। सिराज/ईएमएस 23 सितंबर 2024