- प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की एक और तस्वीर - सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली आगरा (ईएमएस): उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली एक बार फिर उजागर हुई है। आगरा के सरकारी ट्रामा सेंटर में शनिवार को एक मां अपने घायल बेटे को पीठ पर लादकर इलाज के लिए भटकती रही। लेकिन उसे न तो इलाज मिला और न ही स्ट्रेचर उपलब्ध कराया गया। इस घटना ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। हिमांयूपुर की महिला अपने बेटे सर्वेश को गंभीर चोट के साथ ट्रामा सेंटर लेकर आई थी। वहां न तो कोई स्वास्थ्य कर्मचारी मदद के लिए मौजूद था और न ही स्ट्रेचर उपलब्ध था। मजबूरन मां को अपने बेटे को पीठ पर उठाकर इधर-उधर भटकना पड़ा। यह स्थिति तब है, जब पिछले महीने ही आगरा के कमिश्नर ने दौरा कर यहां की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का दावा किया था। अधिकारियों के दावे पर सवाल अधिकारियों द्वारा लगातार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे किए जाते हैं, लेकिन इस घटना ने इन दावों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। सवाल यह उठता है कि जब प्रशासन का दावा है कि ट्रामा सेंटर में हमेशा स्ट्रेचर और स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद रहते हैं, तो उस वक्त वे कहां थे? इस घटना ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां जरूरतमंद मरीजों को भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। - इनका कहना है ट्रामा सेंटर में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। कुछ लोग जानबूझकर बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। वायरल वीडियो में भी स्ट्रेचर दिखाई दे रहे हैं। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी। -डॉ. नवीन जैन सीएमएस, आगरा मेडिकल कॉलेज