- पाठ शाला कि बालिकाओं द्वारा तत्व चर्चा - चित्त की निर्मलता से ही श्रेष्ठ चरित्र का निर्माण होता है, उत्तम चारित्र से मोक्ष मार्ग प्रगट होता है - विमल श्री माताजी भोपाल(ईएमएस)। शहर के जैन मंदिरों में वर्षा योग के दौरान भक्ति रस बरस रहा है। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठानों में लीन है। शहर में प्रथम बार आचार्य विनम्र सागर जी महाराज, नंदीश्वर जिनालय और उनकी शिष्या विमल श्री माताजी, शंकराचार्य नगर जिनालय मे संघ सहित वर्षा योग की साधना कर रही है। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया नंदीश्वर जिनालय में आचार्य विनम्र सागर महाराज सासंघ चातुर्मास की साधना कर रहे है। आचार्य श्री के सानिध्य मे २४ सितंबर से पूजन शिविर का अयोजन हो रहा है। वहीं दूसरी ओर शंकराचार्य नगर जैन मंदिर में आचार्य विनम्र सागर महाराज की शिष्या आर्यका विमलश्री माताजी, विन्हे श्री माताजी, वितप श्री माताजी के सानिध्य में मुलनायक प्रभु पार्श्वनाथ का मंगल अभिषेक ओर अष्ट द्रव से विशेष पूजा अर्चना की गई। जिनालय मे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के साथ प्रति दिन पाठ शाला परिवार के द्वारा जैन दर्शन, जैन सिद्धांत और भारतीय संस्कृति संस्कारों की प्रेरणा देते हुए वृतांतों के साथ तत्व चर्चा की जा रही है। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया समाज की विभिन्न मंदिर समितियां महिला मंडल, युवा मंडल, बाल मंडल, पाठशाला परिवार, शंकराचार्य नगर दिव्य घोष के सदस्यों द्वारा वर्षा योग के दौरान क्रियाओं मे सहोयोग किया जा रहा है। आशीष वचन में जैन साध्वी ने कहा विधि को बदलने के लिए धार्मिक अनुष्ठान विधान मे जीवन का संविधान तय होता होते हैं। मन में उत्साह और उमंग के साथ कार्य करने से श्रेष्ठ भावना बनती है, और भावना ही चित्त को निर्मल करती है, और श्रेष्ठ संस्कारों से उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। इस अवसर पर प्रमुख से शंकराचार्य नगर जैन मंदिर कमेटी अध्यक्ष सुनील जैन अरिहंत , महा मंत्री सुरेश जैन समरदा, वर्षा योग सेवा समिति अध्यक्ष, रितेश नवकार ,कार्यअध्यक्ष सुभाष जैन, चातुर्मास सेवा समिति संयोजक दीपक जैन, मुनि संघ सेवा समिति अध्यक्ष सुमित जैन, अगवानी संयोजक आशुतोष जैन, वामा देवी महिला मंडल से मीता जैन, रजनी जैन आराधना जैन, स्वाति महिला मंडल, सुबल संस्कृति महिला मण्डल,रत्नात्रय महिला मंडल,सन्मति सुबल बालक मण्डल, बालिका मण्डल की सदस्य मोजूद थी। अंशुल जेन/ 20 सितम्बर, 2024