ज़रा हटके
20-Sep-2024
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में एक महासागर के साक्ष्य की खोज की है, जो यह संकेत देता है कि अतीत में मंगल पर एक विशाल महासागर था। नासा के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध में एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिसने अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाओं को नई दिशा दी है। यह खोज न केवल मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को बढ़ाती है, बल्कि भविष्य में इंसानों के बसाने के लिए भी नई उम्मीदें पैदा करती है। सैटेलाइट इमेजिंग और हाई क्वालिटी डेटा मॉडलिंग के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि मंगल की धरती के अंदर एक ऐसी संरचना मौजूद है, जो कभी एक सक्रिय महासागर और ज्वालामुखीय प्रक्रियाओं से जुड़ी थी। डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक बार्ट रूट ने बर्लिन में आयोजित यूरोप्लेनेट साइंस कांग्रेस में इस खोज की जानकारी दी। रूट के अनुसार, मंगल ग्रह के मेंटल में चल रही गतिविधियाँ सौर मंडल के सबसे बड़े ज्वालामुखी ओलंपस मॉन्स से जुड़ी हो सकती हैं। रूट ने बताया कि उत्तरी ध्रुव के पास की गई खोज में लगभग 20 विशेष संरचनाओं की पहचान की गई है, जिनमें से एक कुत्ते के आकार की भी है। हालांकि, मंगल की सतह पर इन संरचनाओं के स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले, लेकिन गुरुत्वाकर्षण डेटा ने मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध के पुराने इतिहास की एक दिलचस्प झलक प्रदान की है। इन संरचनाओं के आधार पर वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि मंगल के अंदरूनी हिस्से में गहरे स्तर पर प्राकृतिक प्रक्रियाएं चल रही हैं। शोध से यह भी पता चला कि उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र का घनत्व अपने आस-पास के क्षेत्रों की तुलना में 300-400 किलोग्राम/मी अधिक है। इसके अलावा, थार्सिस राइज के अंडरवर्ल्ड के बारे में नई जानकारी भी प्राप्त हुई है, जिसमें सौर मंडल के सबसे बड़े ज्वालामुखी ओलंपस मॉन्स का घर है। वैज्ञानिकों ने मंगल के अंदर एक विशाल हल्की संरचना की खोज की है, जो सतह से 1,100 किलोमीटर नीचे स्थित है और थार्सिस क्षेत्र को ऊपर की ओर उभार रही है। इस खोज से यह स्पष्ट होता है कि मंगल ग्रह पर भविष्य में इंसानों के बसने के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ हो सकती हैं। सुदामा/ईएमएस 20 सितंबर 2024