राज्य
19-Sep-2024
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- मंत्री, सांसदों और विधायकों में खुलेआम बढ़ रही तकरार भोपाल (ईएमएस)। कुलीनों के कुनबे यानी मप्र भाजपा के अंदर कलह बढ़ती जा रही है। भाजपा में अपने ही लोगों ने अपने नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक के खिलाफ भाजपा के विधायक हैं तो राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और सांसद दर्शन सिंह चौधरी में प्रोटोकॉल को लेकर टशन है। इसी तरह से विंध्य में रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी में ठन गई है। भाजपा नेताओं के बीच हो रही आपसी तकरार से आलाकमान भी हतप्रभ है। गौरतलब है कि मप्र के चुनावों में भाजपा को प्रचंड जीत मिली है। राज्य से लेकर केंद्र तक में अपनी सरकार है। इसके बावजूद मप्र भाजपा के अंदर गुटबाजी की आग भडक़ रही है। अब यह लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। यह लड़ाई सरकार और संगठन को असहज करने वाली है। यह सबकुछ तब हो रहा है जब संगठन पर्व के बीच भाजपा लोगों को पार्टी से जोडऩे में लगी है। टीकमगढ़ से सांसद केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक के खिलाफ पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह ने पिछले दिनों मोर्चा खोल दिया। केंद्र को एक पत्र लिखकर मंत्री पद से हटाने की मांग की थी। खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उधर, भाजपा विधायक ललिता यादव का कहना था कि केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेसी को सांसद प्रतिनिधि बनाया। केंद्रीय मंत्री पर कांग्रेसियों का पक्ष लेने का आरोप टीकमगढ़ से सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक के खिलाफ अपने ही लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। पहले पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह ने कहा था कि वह कांग्रेसियों का पक्ष ले रहे हैं। साथ ही अपराधियों को प्रतिनिधि बना रहे हैं। अब मीडिया से बात करते हुए विधायक ललिता यादव ने कहा है कि मानवेंद्र सिंह ने सच कहा है। कांग्रेस के रिकॉर्डेड एजेंट को वह प्रतिनिधि बना रहे हैं। सभी विधायक उनसे परेशान हैं। केंद्रीय मंत्री खटीक ने पलटवार करते हुए खनन माफिया की कमर तोडऩेे के प्रयास को विवाद की जड़ बताया। चुनौती दी कि कोई भी उन पर आरोप सिद्ध कर दे, वह सजा भुगतने के लिए तैयार हैं। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि मैं सीधा साधा व्यक्ति हूं। साथ ही सीधी राजनीति करता हूं। मैं कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा हूं। आयातित लोग कार्यकर्ताओं को सर्टिफिकेट देने लगेंगे, जिन्हें खुद पार्टी में आए कितना समय हुआ है। पार्टी नेताओं के बीच विवाद के कारण भाजपा के सदस्यता अभियान के बीच मप्र से लेकर दिल्ली तक यह मुद्दा बना। कलह की बात दिखाई दी। नाम को लेकर भडक़ गए मंत्री रायसेन जिले के एक स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन था। इस कार्यक्रम में नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी और राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल गेस्ट थे। स्कूल के आमंत्रण पत्र में सांसद का नाम ऊपर था और मंत्री का नीचे। यह बात मंत्री जी को नागावार गुजरी और कथित तौर पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की वार्निंग दिलवा दी। बाद में स्कूल को माफी मांगनी पड़ी। हालांकि दर्शन सिंह चौधरी ने कहा था कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। जब मामले ने तूल पकड़ा तो डीईओ ने पलटी मारी और कहने लगे कि किसी ने फोन करवाया होगा। इसका असर यह हुआ कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को मौका मिला, उन्होंने इसे पार्टी में कलह का नाम दिया। सांसद और विधायक में ठनी इसी तरह से विंध्य क्षेत्र में रीवा सांसद और त्योंथर विधायक के बीच ठन गई है। रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने एक कार्यक्रम में भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी के दादा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि तिवारी ने लूट, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी की राजनीति की है। इस पर श्रीनिवास तिवारी के पोते और भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि दिवंगत नेता पर इस तरह की टिप्पणी सही नहीं है। जनता की सेवा के लिए जिसने अपनी जिंदगी न्यौछावर कर दी, उसे किसी की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। इसके बाद एक बार फिर सांसद मिश्रा ने विधायक सिद्धार्थ पर टिप्पणी की। सांसद ने विधायक के बयान को लेकर कहा कि पोता भाजपा में मर्ज हुआ है भाजपा पोते में मर्ज नहीं हुई है। सच है तो सुनना पड़ेगा। पहले ही रीवा क्षेत्र में राजनीतिक हवा बदली-बदली है। उसमें एक ही पार्टी के सांसद और विधायक के बीच तू-तू मैं-मैं ने बिना कहे कई संकेत दे दिए। भाजपा नेताओं के बीच विवाद पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सत्ता में होने के बावजूद भाजपा के कुछ नेता आपस में लड़ रहे हैं। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या हो रहा होंगा। ये कलह कितनी भी छुपाएंगे, छुप नहीं पाएगी। वहीं प्रदेश भाजपा महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि भाजपा में हर साथी अपनी बात कहने को स्वतंत्र है। प्रदेश अध्यक्ष ने सभी पक्षों से बात कर समझाइश दी है। कांग्रेस के आरोप लगाने वालों को खुद में झांकना चाहिए।