राज्य
18-Sep-2024


भोपाल(ईएमएस)। प्रदेश के दस जिला अस्पतालों को पी पी पी ( पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के बहाने निजी हाथों को सौंप कर प्रदेश की डॉ मोहन यादव की भाजपा सरकार गरीबों और आमजन के लिए बचे खुचे सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी छीन कर प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को माफियाओं के हवाले कर देना चाहती है । जिससे न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी होंगी बल्कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार ने कटनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, सीधी, खरगोन, पन्ना, बैतूल, भिंड और मुरैना के जिला अस्पतालों को पी पी पी मोड पर चलाने और मेडिकल कॉलेज बनाने के बहाने निजी हाथों को सौंपने का निर्णय किया है । निजी निवेशक इसे जन स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए नहीं बल्कि मुनाफे के लिए चलाएंगे । माकपा नेता ने कहा है कि इससे दो नुकसान तो साफ है । पहला तो केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाएं, जैसे राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, रोग नियंत्रण कार्यक्रम, कुष्ठ उन्मूलन, पीएम मातृत्व अभियान और नेशनल हेल्थ प्रोग्राम का संचालन बंद हो जाएगा । दूसरा भले ही आयुष्मान धारकों के इलाज का प्रावधान इन अस्पतालों में होगा, लेकिन आमजन को इन जिला अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाएं बाजार भाव से ही लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। जसविंदर सिंह ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में लगने वाली मामूली फीस की जगह इसका निर्धारण भी विद्युत नियामक आयोग की तरह मध्यप्रदेश फीस विनियामक कमेटी ही करेगी । जाहिर सी बात है कि जैसे विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों के हाथों की कठपुतली है, इसी प्रकार फीस विनियामक कमेटी भी स्वास्थ्य माफियाओं के हाथों की कठपुतली बन कर रह जाएगा । माकपा नेता ने कहा है कि पी पी पी मोड में निजी निवेशकों को इतने अधिकार दिए गए हैं कि वे सरकारी डॉक्टरों की सेवाएं खतम कर अपनी मर्जी के डॉक्टरों को नियुक्ति दे सकते हैं । यह मरीजों की लूट को बढ़ाने में और मददगार होगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि भाजपा सरकार का यह कदम प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला जनविरोधी कदम होगा । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार से यह कदम वापस लेने की मांग करती है। हरि प्रसाद पाल / 18 सितम्बर, 2024