क्षेत्रीय
16-Sep-2024
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पटना/हाजीपुर, (ईएमएस)। पूर्व मध्य रेल, मुख्यालय, हाजीपुर में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर सभी आमंत्रित अतिथियों व रेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी माल्यार्पण किया। हिंदी दिवस के इस विशेष अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए महाप्रबंधक श्री सिंह ने अपने हिंदी दिवस संदेश के माध्यम से कहा कि भारतीय संविधान सभा ने गंभीर विचार-विमर्श के बाद हिंदी को भारत संघ की राजभाषा का दर्जा दिया तथा हिंदी से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों को 14 सितंबर, 1949 को अंगीकार किया। इसी उपलक्ष्य में हम प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने कहा था- ‘कोई भी देश सच्चे अर्थों में तब तक स्वतंत्र नहीं है जब तक वह अपनी भाषा में नहीं बोलता‘। यह कथन गंभीर अर्थ रखता है। वास्तव में भाषा किसी देश व समाज के लिए सर्वाधिक महत्व रखती है। महाप्रबंधक ने अपने संदेश में कहा कि हिंदी भाषा स्वतंत्रता आंदोलन की भाषा रही है जिसके बल पर हमने ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी से मुक्ति पाई। यही भाषा हमारे संघर्ष और सुख-दुख की भाषा रही है और इसी के बल पर हम महान भारत के स्वप्न को साकार होते देख सकते हैं। इसीलिए जो शक्तियाँ हिंदी को मात्र एक भाषा समझती हैं वो इसके ऐतिहासिक महत्व को अस्वीकार करती हैं। हिंदी की लड़ाई अंग्रेजी या किसी अन्य भाषा के विरूद्ध नहीं है बल्कि हिंदी इस विशाल देश को सांस्कृतिक रूप से एकजुट करने का कार्य कर रही है। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य राजभाषा अधिकारी सह प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी बी.के.सिंह ने कहा कि आप सभी को ज्ञात होगा कि हर वर्ष हम गरिमापूर्ण तरीके से हिंदी दिवस मनाते हैं। इस वर्ष 14 सितंबर को शनिवार का दिन था इसी लिए आज हिंदी दिवस मना रहे हैं। मुख्यालय में 2 सितंबर से 25 सितंबर तक राजभाषा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान हिन्दी कार्यशाला का आयोजन, हिन्दी निबंध, वाक, टिप्पण-आलेखन तथा अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए हिन्दी क़्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा चुका है। आप सभी को सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि मंडलों आदि में भी उत्साहपूर्वक हिंदी सप्ताह/पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। पूर्व मध्य रेल क क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यहां अधिकांश कार्य स्वाभाविक रूप से हिंदी में ही होते हैं फिर भी ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जिनमें और अधिक प्रयास करके हिंदी के प्रयोग-प्रसार को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। आज के कार्यक्रम का संचालन करते हुए उप मुख्य कार्मिक अधिकारी (आई.आर) नीरज कुमार ने महाप्रबंधक सहित आगत अतिथियों और विभिन्न अधिकारियों का स्वागत करते हुए दि. 02.09.24 से 25.09.24 तक चलने वाली राजभाषा पखवाड़ा-2024 के आयोजन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. राजभाषा विभाग द्वारा प्रकाशित “पूर्व मध्य रेल दर्पण” राजभाषा बुलेटिन का विमोचन महाप्रबंधक ने किया. हिंदी दिवस का मुख्य आकर्षण “हिंदी के प्रचार-प्रसार में भारतीय रेल का योगदान” ”विषय पर विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में अतिथि वक्ता के रूप में डॉ. के. की. कृष्ण व डॉ. संजय पंकज, वरि. साहित्यकार ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए. वरि.साहित्यकार डॉ. के की कृष्ण ने कहा कि हिंदी का क्षितिज पूर्व मध्य रेल पर निरंतर विस्तृत हो रहा है. हिंदी अपने समक्ष तमाम चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते आगे बढ़ रही है. हिंदी आज के केवल साहित्य की भाषा ही नहीं अपितु विज्ञान और तकनीक की भाषा भी है. डॉ. संजय पंकज ने “हिंदी के प्रचार-प्रसार में भारतीय रेल का योगदान” विषय पर विस्तार से अपने विचारों को साझा किया. कार्यक्रम के अंत में अनिल कुमार शर्मा, राजभाषा अधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया. इस बात की जानकारी पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में दी गई है। संतोष झा- १६ सितंबर/२०२४/ईएमएस