- इंपीरियल लॉ के मुताबिक महिलाओं को नहीं मिलेगी गद्दी टोक्यो (ईएमएस)। जापान का राज परिवार दुनिया के सबसे पुराने राजतंत्र (मोनार्की) में से एक है। इस राजवंश में शुरू से परंपरा रही है कि सिर्फ शाही परिवार के पुरुष सदस्य ही राजा बनेंगे और गद्दी संभालेंगे। इस परंपरा की जड़ में जापान का समाज भी रहा है, जो आम तौर पर पुरुषवादी है। गद्दी पर पुरुषों के एकछत्र वर्चस्व के लिए साल 1947 में एक कानून भी लाया गया। जिसका नाम है इंपीरियल हाउस लॉ इस कानून के मुताबिक अब प्रिंस हिसाहितो राजा बनने की कतार में हैं, भले ही वह मौजूदा राजा के सीधे वारिस न हों। किंग नारुहितो की अपनी बेटी भी है, लेकिन इंपीरियल लॉ के मुताबिक उसे गद्दी नहीं मिलेगी। इससे पहले कई बार यह प्रस्ताव लाया गया कि शाही परिवार की महिलाओं को भी गद्दी पर बैठने का हक मिले, लेकिन कभी आगे नहीं बढ़ पाया। आखिरी बार प्रिंस एको के जन्म के बाद भी ऐसा ही प्रस्ताव लाया गया लेकिन साल 2006 में जब उनके बेटे हिसाहितो का जन्म हुआ तो प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया गया। साल 1947 में बने इंपीरियल लॉ में शाही परिवार से जुड़ नियम-कायदे हैं। इसमें साफ कहा गया है कि सिर्फ पुरुष सदस्य ही राजा बन सकता है। इंपीरियल लॉ के मुताबिक अगर शाही परिवार की कोई प्रिंसेज किसी आम आदमी से शादी करती है तो उसकी शाही पदवी छीन ली जाती है। उसे एक निश्चित रकम दी जाती है और पारिवारिक संपत्ति पर कोई उत्तराधिकार नहीं मिलता। जबकि प्रिंस यानी राजकुमार के लिए नियम अलग हैं। वो आम महिला से शादी कर सकते हैं। उस शादी से पैदा हुए बच्चे को उत्तराधिकार का अधिकार भी मिलता है। जापान में हाल के सालों में आबादी तेजी से घटी है। बहुसंख्यक आबादी बुजुर्ग है। 65 प्रतिशत से ज्यादा आबादी 80 साल से उपर की उम्र की है। जिस अनुपात में लोगों की उम्र बढ़ रही है, उस अनुपात में बच्चे जन्म नहीं ले रहे हैं। खासकर, मेल बर्थ रेट बहुत कम है। प्रत्येक 100 महिलाओं पर 95 पुरुष हैं। जापान का राज परिवार भी इस संकट से जूझ रहा है। इसीलिये शाही परिवार की महिलाओं को भी गद्दी पर बिठाने की मांग होती रही है और इंपीरियल लॉ को बदलने की मांग भी समय-समय पर उठती रही है। खासकर 2017 के बाद से इस इस परंपरा को लेकर बहस छिड़ी है। जापान के शाही परिवार में साल 1965 से 2006 तक कोई पुरुष जन्मा ही नहीं। साल 2006 में प्रिंस हिसाहितो के रूप में आखिरी पुरुष का जन्म हुआ। उसके बाद से 18 साल हो गए हैं और अभी कोई पुरुष नहीं जन्मा है। ऐसे में है सवाल है कि प्रिंस हिसाहितो के बाद गद्दी का वारिस कौन होगा। अगर कानून नहीं बदला गया तो शाही परिवार का क्या होगा। बता दें कि जापान के राज परिवार में पिछले चार दशक में पहली बार कोई लड़का वयस्क हुआ है। प्रिंस हिसाहितो 6 सितंबर को 18 साल के हुए। वह जापान के राजा नारुहितो के भतीजे हैं। उनके पिता क्राउन प्रिंस अकिशिनो आखिरी पुरुष हैं, जो साल 1985 में 18 की उम्र को पार कर पाए। प्रिंस हिसाहितो राज परिवार के 17 सदस्यों में सबसे छोटे हैं और परिवार के 4 पुरुष सदस्यों में से एक हैं। वह राज परिवार के आखिरी वारिस भी नजर आ रहे हैं। सुदामा/ईएमएस 14 सितंबर 2024