क्षेत्रीय
13-Sep-2024
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* कटघोरा-पसान मार्ग पर लगभग 35 साल पहले ब्लॉक सिस्टम से बना था पुल कोरबा (ईएमएस) राष्ट्रीय राजमार्ग अंतर्गत कटघोरा-पसान-पेंड्रा मार्ग पर बरबसपुर के पास अहिरन नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। इसका सेफ्टी बॉल बह गया है। इससे पुल के एक हिस्से का धंसने का भी खतरा हैं। प्रोटेक्शन स्लैब के बहने से पुल के बैठने का डर हैं। यह सड़क गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और कोरिया जिले को जोड़ती है। इसके साथ ही इसी मार्ग से मध्यप्रदेश भी लोग आवाजाही करते हैं। कटघोरा कसनिया से पसान सड़क की लंबाई 85 किमी है। पीडब्ल्यूडी ने इस सड़क का निर्माण 50 साल पहले किया था। उस समय डब्ल्यूबीएम सड़क थी। बाद में पक्की सड़क बनी। इस मार्ग पर 50 से अधिक नदी और नाले हैं। इस पर छोटे-छोटे पुल-पुलियों का निर्माण कराया है। बड़े नदियों पर बाद में पुलों का निर्माण हुआ। बरबसपुर के पास अहिरन नदी पर सेतु निगम ने पुल का निर्माण कराया। उस समय इसकी लागत करीब 30 लाख रुपए आई थी। इसकी लंबाई लगभग 100 मीटर है। समय के साथ यह खराब हो गया। बारिश की वजह से प्रोटेक्शन स्लैब भी बह गया। इसके अलावा सेफ्टी वॉल भी बह गया है। इरस्की वजह से पुल के धंसने का भी डर बना हुआ है। इस मार्ग पर 24 घंटे भारी वाहनों के साथ ही यात्री बसों की भी आवाजाही रहती है। अधिक बारिश होने पर पुल को और भी नुकसान हो सकता है। डेढ़ साल पहले ही पीडब्ल्यूडी ने करीब 16 करोड़ की लागत से सड़क का नवीनीकरण कराया है। लेकिन अभी तक पुल-पुलियों पर ध्यान नहीं दिया गया है। इसके क्षतिग्रस्त होने से मार्ग पर पूरी तरह आवाजाही प्रभावित होगी। इसके बाद भी संबंधित विभाग ध्यान नहीं दे रहे हैं। * बारिशके बाद होंगी मरम्मत कार्यवाही, करेंगे सुरक्षा के उपाय पीडब्ल्यूडी सेतु निगम के एसडीओ ए.के. जैन का कहना हैं कि सेफ्टी वॉल बह गया है। सब इंजीनियर को मौके पर भेजा गया है। वह सुरक्षा के उपाय करेंगे। बारिश के बाद मरम्मत की कार्यवाही होगी। मार्ग पर आवाजाही प्रभावित न हो इसके लिए भी उपाय किए जाएंगे। * पुल की लाइफ निर्धारित नहीं निर्माण और ट्रैफिक पर निर्भर पीडब्ल्यूडी विभाग के रिटायर्ड ईई आर.के. वर्मा का कहना है कि सड़कों पर यातायात और नदी के बहाव के आधार पर पुलों का निर्माण होता है। इसका निर्माण कितना मजबूत किया गया है, इसी पर उसकी लाइफ टिकी होती है। यातायात का दयाय भी समय के साथ बढ़ता है। उसके हिसाब से भी पुल का निर्माण होना चाहिए। * पहले दी थी जानकारी संबंधित विभाग ने नहीं दिया ध्यान : जनपद सदस्य पोड़ी-उपरोड़ा क्षेत्र क्रमांक 16 के जनपद सदस्य रविंद्र सिंह ठाकुर ने कहा पुल के नीचे का हिस्सा पहले से क्षतिग्रस्त था। मैंने जनपद सामान्य सभा की बैठक में यह मुद्दा उठाया। इसके बाद भी संबंधित विभाग और अधीकारियों ने ध्यान नहीं दिया। इससे ही पुल की हालत और भी कमजोर हो गई। पुल कहीं धंस गया तो ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाएगी। * 50 पंचायतों के ग्रामीण इसी मार्ग पर निर्भर, इससे रहता है यातायात का दबाव पोडी-उपरोड़ा ब्लॉक के 50 पंचायतों के ग्रामीण जिला और ब्लॉक मुख्यालय आने के लिए इसी मार्ग पर निर्भर हैं। जिले के लोग मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तरप्रदेश या अमरकंटक जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। इसकी वजह से ही यातायात का दबाव बना रहता है। 13 सितंबर / मित्तल वेद