राज्य
11-Sep-2024
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कोरबा (ईएमएस) धर्म का उद्देश्य मानव जीवन को सही अर्थों में जीने की विषय वस्तु को सीखने सिखाने का है। श्रीमद् भागवत कथा के व्याख्याकार आचार्य अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा की समाज का परिवर्तन शस्त्र से नहीं बल्कि शास्त्र से हो सकता है। महर्षि वाल्मीकि के अतीत से जुड़े प्रसंग पर बोलते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके जीवन को अच्छे विचारों और आचरण ने बदलने का काम किया। धर्म के सभी लक्षण के प्रतीक श्रीराम है। उक्ताशय के विचार मानस मर्मज्ञ परमपूज्य आचार्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी ने आज यहा आयोजित एक औपचारिक पत्रकारवार्ता में व्यक्त किये। वे यहां श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में पिछले वे यहां 5 सितम्बर से विभिन्न प्रसंगो के माध्यम से अपार भीड़ के रूप लगातार पहुंच रहे भक्त श्रोताओ के बीच उत्सव प्रसंगो के रूप में प्रकट कर रहे हैं। कोरबा अंचल के लब्धख्याति, प्रतीष्ठित विशाल ठण्डुराम परिवार (कादमा वाले) के द्वारा अग्रसेन मार्ग कोरबा के मेहर वाटिका में आयोजित किया गया हैं। उन्होंने आयोजन कर्ताओ की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा की कोरबा की पावन धारा पर पितृगया श्राद्धान्तर्गत किये गए इस आयोजन का धर्म समद्ध लाभ अंचल को मिल रहा हैं। संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में लाभार्थी भक्तजनो का मेला उमड़ पड़ा हैं। संत श्री अतुल कृष्ण महराज उत्तर प्रदेश के वृंदावन से यहां पधारे हैं। वे विज्ञान और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त हैं। यही विशेष वजह हैं की स्थानीय पत्रकारों की सभी जिज्ञासा को तथ्य परख ढंग से शांत करते हुए उन्होंने आगे कहा की धर्म का उद्देश्य मानव जीवन को सही अर्थों में जीने की विषय वस्तु को सीखने सिखाने का है। सनातन धर्म की अवधारणा सहस्त्र वर्षों की है देश और दुनिया में किया जा रहा है। सबसे बड़ा शाश्वत सत्य यह है कि मनु और शतरूपा से ही सृष्टि का शुभारंभ हुआ है। दूसरे संप्रदाय अलग-अलग देने में लगे हुए हैं लेकिन वास्तविक तथ्य सनातन के पक्ष में है। छत्तीसगढ़ और देश के बड़े हिस्से में धर्मांतरण के कारण बढ़ रहे संकट को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार की दूसरी शक्तियां हर दौर में काम करती रही। आदिकाल से यह धरती देवासुर संग्राम की धरती रही है यहां पर देव और दानव के बीच संग्राम होता रहा है। लेकिन इस प्रकार की परिस्थितियों के बीच लोक जागरूक हो रहे हैं। विज्ञान और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त आचार्य अतुल कृष्ण भारद्वाज ने बताया कि डिजिटल क्रांति के दौरान कई प्रकार के परिवर्तन और प्रयोग हो रहे हैं। इसके कुछ अच्छे परिणाम है तो दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। आचार्य भारद्वाज ने वर्तमान कालखंड में मौजूद विभिन्न प्रकार का उल्लेख करते हुए लोगों को सचेत रहने का आव्हान भी किया। उक्त पत्रकार वार्ता में पहुंचे पत्रकारों का आयोजनकर्ता संजय अग्रवाल ने रामचन्द्र रघुनाथ प्रसाद अग्रवाल, बृजकिशोर अग्रवाल ने लक्ष्मीनारायण रामानंद अग्रवाल, हनुमान अग्रवाल ने कांशीराम रामावतार अग्रवाल, देवेंद्र अग्रवाल ने प्यारेलाल रामनिवास अग्रवाल की ओर से अभिवादन किया परिवारजनो की ओर से गोपी अग्रवाल, महेश अग्रवाल, नरेश गर्ग, रोहित अग्रवाल ने भी पत्रकारों का अभिवादन किया। 11 सितंबर / मित्तल वेद