09-Sep-2024
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वाराणसी (ईएमएस)। दिगम्बर जैन समाज के पर्युषण दश लक्षण पर्व की शुरुआत हो गयी। यह पर्व दस दिनों तक आयोजित किया जायेगा। भेलूपुर (वाराणसी) तथा अन्य सभी जैन मंदिरों में विशेष पूजा हुई। सुबह से ही सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी। सुबह अभिषेक शांति धारा सहित कई विधान हुए। शाम को आरती सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रवचन हुए। पहले दिन उत्तम क्षमा पर्व मनाया गया। इसमें क्रोध पर विजय प्राप्त कर क्षमा प्रदान मांगते हैं। किसी भी परिस्थिति में क्रोध को हावी नहीं होने देने की प्रार्थना की गई। समाज के लोगों ने रात्रि भोजन का त्याग किया। इन 10 दिनों में ईर्ष्या, कलह, मतभेद, अहंकार और लोभ - लालच से दूर रहते हुए आराधना की जाएगी । भेलूपुर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में सैकड़ो लोगों ने धर्म आराधना की। व्यापार और कामकाज से दूर रहे। सप्तम तीर्थंकर 1008 भगवान शुपार्श्वनाथ की जन्मस्थली भदेनी स्थित दिगंबर जैन क्षेत्र में सुबह 7:00 बजे शांति धारा 10 लक्षण की पूजा की गई। शाम को आरती और प्रवचन हुए। पंचायती दिगंबर जैन मंदिर में सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि क्रोध का कारण उपस्थित होने पर भी क्रोध न करना क्षमा है। उन्होंने कहा कि क्रोध धर्म को नष्ट कर देता है। क्रोध भयंकर पाप भी करता है। ऐसा मानकर क्रोध करना छोड़ देना चाहिए। प्रोफेसर फूलचंद प्रेमी ने बताया कि पर्यूषण का अर्थ आत्मा की शुद्धि का पर्व है। अपने मन से राग,द्वेष, अहंकार,क्रोध, लोभ, लालच आदि हटाकर धर्म में लीन होना और अपनी आत्मा के कल्याण के लिए दूसरों की सभी गलतियों को माफ करना दूसरे को पहुंचाई गई तकलीफों की माफी मांग कर अपने मन को शांति प्रदान करना और परमात्मा के बताये रास्ते पर चलकर मोक्ष प्राप्ति की कामना करना ही पर्व का उद्देश्य है। डॉ नरसिंह राम/09/09/2024