राष्ट्रीय
08-Sep-2024


अंबेडकरनगर (ईएमएस)। अंबेडकरनगर पहुंचे उत्तरप्रदेश के सीएम योगी ने मंगेश यादव मुठभेड़ पर कहा, जो लोग डकैत के एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं, अगर डकैत दुकान में मौजूद ग्राहकों को एक तरफ करके गोली मार देते तो क्या समाजवादी पार्टी उनकी जान को वपस कर पाती? सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, जब उनके माफिया शागिर्द को किसी डकैत को पुलिस मुठभेड़ में मारा जाता है तो ऐसा लगता है कि जैसे इनकी दुखती नस पर पुलिस ने उंगली रख दी हो। अंबेडकरनगर में सीएम योगी बोले, मुझे बताओ जो डकैत पुलिस मुठभेड़ में मारा गया वो हथियारों के साथ डकैती डालने के लिए ज्वैलरी शॉप में घुसा था। वहां ग्राहक भी बैठे थे, अगर डकैत एक-एक ग्राहक को गोली मार देता तो क्या सपा उनकी जान को वापस कर पाती। डकैत किसी भी जाति के हो सकते हैं। दुकान पर मौजूद ग्राहक यादव भी हो सकता था, दलित भी हो सकता था। किसी भी जाति का हो सकता था। किसी को बेटी की शादी करनी होती है तो किसी को विदाई में जेवर देना होता है, इसलिए लोग ज्वेलरी के शोरूम पर जाते हैं। शोरूम में अगर ग्राहक और व्यापारी के साथ लूट हो तो डकैत व्यापारी और ग्राहक की हत्या करके करोड़ों रुपये की डकैती करके भाग जाता और पुलिस के पास सुराग नहीं मिलते तो यही लोग बोलते कि अराजकता है। अगर पुलिस ने पकड़ लिया और कार्रवाई कर दी तो भी सपा को दिक्कत होती है। मुठभेड़ में डकैत मारा जा रहा है तो सपा को बुरा लग रहा है। समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल की याद दिलाते हुए सीएम योगी बोले, 2017 के पहले पुलिस आगे भागती थी और पीछे-पीछे गुंडे दौड़ाते थे। लेकिन अब उल्टा हो गया है, अब गुंडा और माफिया भाग रहा है पुलिस उसको दौड़ा रही है। अगर उसने कहीं नुस्खा अख्तियार किया तो फिर वहीं पर रामनाम सत्य है, यह भी तय हो जाता है। अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए सीएम योगी बोले, सरकार चलाने के लिए जज्बा, दिल और दिमाग चाहिए। सत्ता वरासत में मिल सकती है, बुद्धि और दिमाग वरासत में नहीं मिलता है। जो लोग सत्ता को अपनी बपौती मानते थे, वे लोग आज समझने लग गए हैं अब उत्तर प्रदेश में कभी उनको वापस नहीं आना है, इसलिए षड़यंत्र रच रहे हैं और अराजकता पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इन लोगों का विकास से कोई लेना देना नहीं, उनका रोजगार से कोई लेना देना, किसान से कोई लेना देना नहीं, बेटी की सुरक्षा हो, इससे उनका कोई दूर-दूर तक रिश्ता नहीं है। उनको व्यापारी का सम्मान हो, इससे भी दूर-दूर तक रिश्ता नहीं। सुबोध\०८\०९\२०२४