राष्ट्रीय
06-Sep-2024
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नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी को कमल चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग कर रही याचिका खारिज कर दी है। शुक्रवार को शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई और कहा कि आप प्रसिद्धि के लिए ऐसा कर रहे हैं। इससे पहले मार्च में भी मद्रास हाईकोर्ट में इस तरह की याचिका दाखिल हुई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। दरअसल, याचिकाकर्ता जयंत विपट ने साल 2022 में दीवानी मुकदमा दाखिल किया था। दावा किया गया था कि एक राजनीतिक दल के तौर पर भारतीय जनता पार्टी को रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट के आधार पर रजिस्टर्ड पार्टी को मिलने वाले फायदे लेने का अधिकार नहीं है। विपट ने पार्टी को लाभ मिलने से रोकने के लिए निर्देशों की मांग की थी। उन्होंने पार्टी के चिह्न के तौर पर कमल का इस्तेमाल से रोके जाने की भी मांग की थी। खास बात है कि अक्टूबर 2023 में तकनीकी आधार पर सिविल कोर्ट ने मुकदमे को खारिज कर दिया था। इसके बाद विपट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का रुख किया था। उच्च न्यायालय से भी उन्हें झटका लगा और याचिका खारिज हो गई। फिर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मद्रास हाईकोर्ट में भी टी रमेश नाम के शख्स ने याचिका दाखिल की थी। उन्होंने भाजपा को कमल चुनाव चिह्न आवंटित करने से रोकने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी करने की मांग की थी। तब कहा गया था कि कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है और उसे किसी राजनीतिक दल को आवंटित नहीं किया जा सकता है।