राज्य
06-Sep-2024
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इन्दौर (ईएमएस) श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा कालजयी रचनाकार व समाजवादी चिंतक रामवृक्ष बेनीपुरी की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में डा. पद्मा सिंह ने कहा कि रामवृक्ष बेनीपुरी की लेखनी फौलाद के समान मजबूत थी। उन्होंने अपने विद्रोही लेखन के माध्यम से समाज में व्याप्त कई कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। वे ऐसे क्रांतिकारी लेखक थे, जो अपने विद्रोही लेखन के कारण कई बार जेल भी गए और वहां भी वे राष्ट्रप्रेम की भावनाओं से प्रेरित लेखन कार्य करते रहे। डा. आरती दुबे ने बेनीपुरी के उपन्यास गेहूं और गुलाब पर चर्चा करते हुए कहा कि इस उपन्यास में बेनीपुरी ने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के जीवन को बड़ी खूबसूरती से चित्रित किया है। डा. दीप्ति गुप्त ने बेनीपुरी के शब्दचित्रों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके शब्दचित्र इतने सजीव हैं कि पाठक उन्हें अपने सामने देख पाते हैं। कार्यक्रम में राधिका इंगले, अरविंद जोशी, महेश लोदवाल, उपासना गुप्ता, शीला चंदन, सुरेंद्र सक्सेना, दिलीप नीमा, राजेंद्र पांडे, उमेश पारिख आदि ने भी विचार व्यक्त किए। आभार अरविंद जवलेकर ने माना। आनन्द पुरोहित/ 06 सितम्बर 2024