ज़रा हटके
06-Sep-2024
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-हो सकती हैं स्किन की ये गंभीर बीमारियां वाशिंगटन (ईएमएस)। सिगरेट पीने से स्किन को भी गंभीर नुकसान हो सकता है । सिगरेट में कई ऐसे केमिकल्‍स होते हैं जो समय से पहले स्किन पर झुर्रियां और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। अधिक स्‍मोकिंग हार्ट हेल्‍थ और लंग्‍स को भी प्रभावित करने लगती है। स्‍मोकिंग करने से उम्र के साथ स्‍किन पीली और होंठ काले पड़ने लगते हैं। इन दिनों युवा फैशन और स्‍टाइल के चलते स्‍मोकिंग करना पसंद कर रहे हैं जो उनकी हेल्‍थ के लिए खतरनाक हो सकती है। स्‍मोकिंग किसी भी तरह को हो, स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक ही होती है। स्‍मोकिंग से शरीर पर क्‍या बुरे असर पड़ते हैं, चलिए जानते हैं। रिसर्च के मुताबिक सिगरेट में मौजूद कैमिकल स्‍किन के कोलेजन और इलास्टिन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे समय से पहले स्किन रफ और झुर्रियोंदार हो सकती है। इससे व्‍यक्ति समय से पहले बूढ़ा दिखाई देने लगता है। ये झुर्रियां आंखों, होंठ और माथे पर उभरती हैं। जो लोग अधिक स्‍मोकिंग करते हैं उनकी स्किन की इलास्टिसिटी कम हो जाती है और स्‍किन कठोर हो जाती है। स्‍मोकिंग शरीर में विटामिन-ए को कम करती है। स्‍मोकिंग वैस्‍कुलर कॉन्‍ट्रैक्‍शन का कारण बन सकता है जो ब्‍लड सर्कुलेशन को कम कर सकता है। ब्‍लड सर्कुलेशन कम होने से किसी भी चोट या जख्‍म को भरने में परेशानी आती है। जो लोग सिगरेट पीते हैं उनके मामूली कट और खरोंच को भी ठीक होने में अधिक समय लगता है। इससे शरीर में मामूली चोट के निशान भी बढ़ सकते हैं। स्‍मोकिंग किसी प्रकार की सर्जरी या ऑपरेशन में भी बाधा डाल सकती है। हाइड्राडेनिटिस सुपुरटिवा जिसे आमतौर पर एक्‍ने इनवर्सा के रूप में जाना जाता है। इस बीमारी में स्किन पर सूजन आने लगती है। खासकर उन जगहों पर जो आपस में टकराती हैं जैसे बगल, कमर, और ब्रेस्‍ट के नीचे का हिस्‍सा। स्‍मोकिंग से एक्‍ने की समस्‍या भी बढ़ जाती है। ये बीमारी सामान्‍य तौर पर कम ही होती है। स्‍मोकिंग सोरायसिस को बढ़ावा दे सकती है। सोरायसिस में स्किन पर खुजली और पपड़ीदार पैच बनने लगते हैं। इसमें स्किन लाल या बैंगनी रंग की दिखाई देने लगती है। ऐसे में स्‍मोकिंग सोरायसिस को बढ़ावा दे सकती है। कई अध्‍ययन में पाया गया है कि स्‍मोकिंग के कारण सोरायसिस का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। निकोटिन स्‍किन को इंफेक्‍टेड करती है जिस वजह से स्किन पर सूजन व लालपन हो जाता है। ये कई बार इतना बढ़ जाता है कि हाथों और पैरों पर दर्दनाक फफोले बन जाते हैं। सुदामा/ईएमएस 06 सितंबर 2024