ज़रा हटके
24-Aug-2024
...


जेनेवा (ईएमएस)। दुनिया भर में इसकी चिंता है कि क्या एमपॉक्स की बीमारी नया कोरोना साबित हो सकती है। जिससे दुनिया भर में फिर से लॉकडाउन लग सकता है। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक्सपर्ट डॉ. हांस क्लुजे ने इसका स्पष्ट जवाब दिया है। डॉ. क्लुजे ने कहा है कि एमपॉक्स नया कोविड नहीं है, क्योंकि अधिकारी जानते हैं कि इस बीमारी को फैलने से कैसे रोका जाए। जब पूछा गया कि क्या एमपॉक्स के कारण फिर से लॉकडाउन लग सकता है, उन्होंने कहा कि ऐसी कोई आशंका नहीं है। एमपॉक्स का जो नया वैरिएंट क्लेड आईबी आया है, वह बेहद खतरनाक है और इस बीमारी के कारण मौत का जोखिम 10 से 11 प्रतिशत तक है। यह देखकर पूरी दुनिया में भय होने लगा है। खासकर यूरोप के लोगों में, इस पर डब्ल्यूएच में यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. क्लुजे ने कहा कि वायरस के नए वैरिएंट को लेकर बेशक चिंता है लेकिन हम सब मिलकर इस बीमारी के संक्रमण को रोक सकते हैं। हाल के कुछ महीनों में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एमपॉक्स के कारण 450 लोगों की मौत हो चुकी है और इसका एक मामला स्वीडन में भी सामने आया है। एक्सपर्ट का कहना है कि नए वैरिएंट के बारे में हमें बहुत कुछ जानने की जरूरत है लेकिन वर्तमान हालात यह है कि यह बीमारी आसानी से फैल सकती है और गंभीर बन सकती है। मंकीपॉक्स वायरस के नए स्ट्रैन की खोज डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगों में इसी साल अप्रैल में की गई है। हालांकि 2022 में ही इसका पहला मामला लंदन में सामने आया था। कांगो में अब तक 450 लोगों की मौत हो चुकी है। यह बीमारी अब कांगों के बाहर भी फैलने लगी है। इसलिए डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स पर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। एमपॉक्स संक्रमण का असर 3 से 17 दिनों के बाद दिखने लगता है। संक्रमण का असर दिखने बाद मरीज में बुखार, स्किन में रैशेज, नसों का फूलना, सिर दर्द, बदन में ऐंठन, पीठ में दर्द, ठंडी और थकान जैसे लक्षण मरीज में दिखने लगते हैं। मंकीपॉक्स में स्किन पर रैशेज मुख्य रूप से मुंह, हाथ और पैरों में होते हैं। अब तक के ज्ञात वैज्ञानिक प्रमाणों के मुताबिक एमपॉक्स का संक्रमण समलैंगिक पुरुषों में ज्यादा होता है। यानी पुरुष का पुरुष के साथ यौन संबंध वाले पुरुषों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है। इसलिए कांगो में यौनकर्मियों में इस बीमारी के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि सिर्फ समलैंगिक पुरुषों में ही यह बीमारी हो सकती है बल्कि संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को भी एमपॉक्स का उच्च जोखिम रहता है। आशीष/ईएमएस 24 अगस्त 2024