नई दिल्लीर (ईएमएस)। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्य मंत्री सिद्धारमैया को मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण घोटाला स्कैम मामले में कारण बताओ नोटिस एक सामाजिक कार्यकर्ता टी के अब्राहम की शिकायत पर दिया है। टी जे अब्राहम का कहना है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस घोटाले में सीधे तौर पर शामिल है। सामाजिक कार्यकर्ता टी जे अब्राहम ने येदियुरप्पा से लेकर सिद्धारमैया सभी मुख्यमंत्रियों के खिलाफ भरष्टाचार या इसी तरह के मुकदमे करते रहते है। मुख्यमंत्री सिधारमैय्या के खिलाफ इन्होंने ही राज्यपाल से शिकायत कर करवाई की मांग की। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कारण बताओ नोटिस में साफ लिखा है कि राज्यपाल ये नोटिस टी जे अब्राहम की शिकायत पर भेज रहे हैं कि क्यों न भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत उनके खिलाफ करवाई की इजाजत दी जाए। टी जे अब्राहम के मुताबिक डिनोटिफिकेशन जब हुआ तब सिद्धरमैया उप मुख्यमंत्री थे,लेकिन कहते है की उनकी भूमिका नहीं है, कृषि भूमि जब खरीदी जो की कृषि भूमि थी ही नहीं तब भी वो उप मुख्यमंत्री थे, लेकिन कहते है की उनकी भूमिका नहीं है, जब उनकी पत्नी ने देवेदारी पेश की तब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे लेकिन लेकिन कहते है की उनकी भूमिका नहीं है, अजीब हाल है। उधर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण घोटाला और दूसरे घोटाले को लेकर बीजेपी मैसूर तक की पदयात्रा शनिवार से शुरू कर रही है और कांग्रेस ने इस पदयात्रा को काउंटर करने के लिए जन आंदोलन शुरू कर दिया है। यानी 8 दिनों की बीजेपी की पदयात्रा जिन शहरों को होते हुए गुजरेगी वहा एक दिन पहले कांग्रेस एक जन सभा करेंगी और बीजेपी के कथित घोटाले को जनता के सामने रखेगी। राज्य के उप मुख्यमंत्री ने बीजेपी की पदयात्रा पर कहा कि ये इस तरह की पदयात्रा निकालने का समय नहीं है, बेंगलुरु शहर में पदयात्रा निकालने की हम इजाजत नहीं देंगे लेकिन शहर के बाहर हम उन्हे (बीजेपी)नही रोकेंगे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजेंद्र ने कहा कि हमारी पदयात्रा बाहरी बेंगलुरु के केंगरी से शुरू होगी और 8 दिनों में 140 किलोमीटर का सफर पूरा कर मैसूर पहुंचेगी। इस यात्रा की शुरुआत बी एस येदियुरप्पा और जे डी एस नेता कुमारस्वामी करेंगे। वाल्मिकी कॉर्पोरेशन घोटाले में सिद्धारमैया सरकार के मंत्री नागेंद्र को इस्तीफा देना पड़ा था और ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधान सभा में माना था की घोटाला हुआ है और दोषियों के खिलाफ करवाई की जाएगी। इसके बाद बीजेपी के निशाने पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया है। मामला मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण घोटाला के कथित स्कैम से जुड़ा है।