राज्य
27-Jul-2024


- गेंहूं 18 लाख टन, निगम पर 58 हजार करोड़ का कर्ज, प्रतिदिन 10 करोड़ रुपये का ब्याज भोपाल,(ईएमएस)। केंद्र के लिए राज्य में गेहूं खरीदी करने वाला खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम इस समय 58 हजार करोड़ रुपए के कर्ज तले दबा हुआ है। दरअसल तीन साल पहले जो गेहूं खरीदा गया था उसमें मिट्टी की मात्रा अधिक होने के कारण एफसीआई ने लेने से इंकार कर दिया। इस कारण पिछले 03 साल से मिट्टी मिला यह गेहूं गोदामों में रखा है। इस गेंहूं का स्टॉक हजार बारह सौ क्विंटल नहीं है, बल्कि 1 लाख, 80 हजार मीट्रिक टन गेहूं है, जिससे मध्य प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं लेने से मना करने के बाद निगम की खरीदी पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि प्रतिदिन कर्ज ली गई राशि का 10 करोड़ रुपए महज ब्याज के तौर पर भुगतान करना पड़ रहा है। ब्याज की राशि का भुगतान करने में अब निगम को पसीना आ रहा है। सरकार की मुश्किलें बढ़ाने और निगम को कर्ज की स्थिति में लाने की असली वजह तलाश की जा रही है। सवाल किए जा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एनपीए की स्थिति बन गई है। ऐसे में बैंक भी कर्ज देने से मना कर रहे हैं। जानकारी अनुसार सीहोर, रायसेन समेत प्रदेश के अन्य जिलों में पिछले तीन सालों में मिट्टी मिले गेंहू की खरीदी की गई। चिंता की बात यह रही कि गेंहूं को अमानक स्तर का बताकर भारतीय खाद्य निगम ने लेने से इनकार कर दिया। इस स्थिति में अब खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम को गेहूं खरीदी के लिए मार्कफेड और वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन को गोदामों में भरे गेहूं का किराया देना भी दूभर हो गया है। बताया जा रहा है कि निगम के 58 हजार करोड़ रुपए के कर्जे में 12 हजार करोड़ रुपए की लेनदारियां केंद्र सरकार पर निकलती हैं, लेकिन वह भी उसे हासिल नहीं है। केंद्र से निकलने वाली लेनदारियों की बात खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी कर चुके हैं। इसलिए अब इस समस्या का समाधान और इस स्थिति में पहुंचने के कारण तलाशे जा रहे हैं। हिदायत/ईएमएस 27जुलाई24