27-Jul-2024
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- हवाई हमले में लगी चोटों के कारण मर चुकी थी मां गाजा (ईएमएस)। महीनों से युद्धग्रस्त क्षेत्र गाजा में डॉक्टरों ने एक नवजात शिशु को उसकी मां के गर्भ से जीवित बाहर निकाला जो एक इजराइली हवाई हमले में लगी चोटों के कारण मर चुकी थी। नौ महीने की गर्भवती ओला अदनान हर्ब अल-कुर्द, नुसेरात शरणार्थी शिविर में अपने घर पर रात भर हुए हमले के बाद मध्य गाजा के अल-अवदा अस्पताल पहुंचने के लिए बस इतना ही समय बचा पाई थी। डॉक्टर अल-सऊदी ने बताया कि जब उन्होंने गर्भवती महिला को गंभीर हालत में देखा तो एमरजेंसी के डॉक्टर तुरंत हरकत में आ गए। सर्जन अकरम हुसैन ने बताया कि उसे ऑपरेशन रूम में ले जाया गया लेकिन वह पहले ही ‘लगभग मर चुकी थी’। 20 साल की मां को बचाने में तो डॉक्टर कामयाब नहीं हो पाए लेकिन बच्चे की जब गर्भ में धड़कन सुनी तो उन्होंने प्रसूति विभाग के डॉक्टर और सर्जनों की एक टीम को बुलाया। सऊदी ने कहा, एमरजेंसी सीजेरियन सेक्शन किया गया और भ्रूण को निकाला गया। हमास के कब्जे वाले गाजा में बचाव दल और डॉक्टरों ने बताया कि गाजा पट्टी में 24 घंटे की इजरायली बमबारी में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई जिसमें गाजा शहर के उत्तर में एक पड़ोस में एक परिवार के छह सदस्य मारे गए। सी-सेक्शन से बचने के बाद, बच्चे मालेक यासीन को और भी चिकित्सा संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सऊदी ने बताया कि गंभीर हालत में पैदा हुए बच्चे को ऑक्सीजन और मेडिकल हेल्प देकर स्टेबल किया गया। सर्जन हुसैन ने बताया कि कुर्द के पति भी मिसाइल हमले में घायल हो गए, जो उनके घर पर हुआ था। बता दें कि नुसेरात शरणार्थी शिविर पर रात भर हुए हमलों में कम से कम सात लोग मारे गए। अल-अवदा अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि नुसेरात के चार बच्चे छत पर खेलते समय घायल हो गए, जिनमें से एक का अंग काटना पड़ा। इजरायल के आंकड़ों के अनुसार, गाजा युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर को हमास के इजरायल पर किए गए हमले से हुई थी, जिसके चलते 1,195 लोग मारे गए थे। आतंकवादियों ने 251 बंधकों को भी पकड़ लिया, जिनमें से 116 अभी भी गाजा में हैं। सुदामा/ईएमएस 27 जुलाई 2024