अंतर्राष्ट्रीय
24-Jul-2024
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वाशिंगटन,(ईएमएस)। इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रही जंग अभी थमी नहीं है। दुनिया के कई देश शांति के प्रयास कर चुके हैं लेकिन कामयाबी किसी को नहीं मिली। अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया दांव चला है। वे इस जंग के माध्यम से खुद ही अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने की फिराक में है। इसके लिए उन्होंने बड़ी चाल चल दी है। अगर उनकी यह चाल कामयाब होती है तो उनके लिए डबल धमाका हो जाएगा। एक तो उनकी अमेरिका में जीत सुनिश्चित हो जाएगी और दूसरी पूरी दुनिया में धाक जम जाएगी। कुल मिलाकर ट्रंप ने इजरायल-हमास जंग को अपनी जीत का हथियार बना लिया है। वे जंग की आग बुझाने में जुट चुके हैं। यही वजह है कि उन्होंने फलस्तीन को भरोसा दिलाया है कि सब अच्छा होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने फलस्तीन को ऐसे वक्त में यह भरोसा दिलाया, जब वह गुरुवार को बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने वाले हैं। माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप नेतन्याहू को युद्ध खत्म करने के लिए मनाएंगे। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से अपनी मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से कहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा, ‘शुक्रवार को नेतन्याहू से मिलने का बेसब्री से इंतजार है, और मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने का और भी अधिक इंतजार है। फिलहाल, बेंजामिन नेतन्याहू अभी वाशिंगटन में हैं और अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। चौथी बार ऐसा करने वाले वह इकलौते विदेशी नेता होंगे। गुरुवार को व्हाइट हाउस में उनकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात होगी। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह बेंजामिन नेतन्याहू का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। 18 जुलाई को रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने के बाद किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के साथ यह डोनाल्ड ट्रंप की पहली मुलाकात होगी। 19 जुलाई को उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति से फोन पर बात की थी। डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत सुनश्चित करने के लिए वह हर दांव-पेच लगा रहे हैं। माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप फलस्तीन और इजरायल के बीच जंग खत्म करवाने की कोशिशों में जुटे हैं। अगर इसमें वह कामयाब होते हैं या उन्हें मनाने में कुछ हद तक भी कामयाब होते हैं तो इस प्रयास से उनकी जीत का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि करीब 55 फीसदी अमेरिकी भी चाहते हैं कि यह युद्ध खत्म हो जाए। वीरेन्द्र विश्वकर्मा/ईएमएस 24 जुलाई 2024