नई दिल्ली,(ईएमएस)। जब बच्चा जन्म लेता है तो वह कैसे अपनी मां को पहचान लेता है यह बात आज तक किसी को समझ नहीं आई कोई कहता है स्पर्श से पहचानता है तो कोई कहता है देख कर लेकिन हकीकत कोई नहीं जानता है। नवजात शिशुओं को अपनों के चेहरे की पहचानने में समय लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चे खुशबू (गंध) से अपनों की पहचान करते हैं। जी हां यह सही है। वैज्ञानिकों ने नई खोज से पता लगाया है कि नवजात शिशु अपनी मां की खुशबू से चेहरे देख पाते हैं। यह क्षमता उनके जन्म लेने से ही मौजूद उत्तम इंद्रियों, विशेष रूप से खुशबू के संवेदनशील होने से जुड़ी होती है। जन्म लेने के कुछ घंटों में ही, शिशु अपनी मां की खुशबू को अन्य महिलाओं की खुशबू से अलग पहचान सकता है। इस खुशबू के जरिए बच्चों को उनके देखभाल करने वालों से जुड़ा होने की भावना और सुरक्षा मिलती है। इसके अलावा शिशु अपने पिता या अन्य परिवार के सदस्यों को भी उनकी खुशबू से पहचान सकते हैं। यह खुशबू की पहचान की क्षमता समाजिक और भावनात्मक विकास के शुरुआती प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जन्म के समय बच्चे की खुशबू पहचान और बंधन में मदद करने में महत्वपूर्ण होती है। कई संस्थानों के शोधकर्ताओं ने यह समझने के लिए एक अध्ययन किया कि शिशु अपनी माताओं की खुशबू यानी गंध का इस्तेमाल चेहरे को समझने के लिए कैसे करते हैं। अध्ययन के नतीजे दिलचस्प हैं। अध्ययन में पाया गया है कि शिशु की इस खास क्षमता में चार से 12 महीनों के बीच बहुत सुधार आता है जिससे अध्ययन में, यह पाया गया कि चेहरे को देखकर समझने की क्षमता मां की खुशबू से बढ़ जाती है। वही जब शिशु बड़े हो जाते हैं और देखने के संकेतों से ही चेहरे को कुशलतापूर्वक समझने लगते हैं, तो यह क्षमता कम हो जाती है। सिराज/ईएमएस 24 जुलाई 2024