राष्ट्रीय
24-Jul-2024
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नई दिल्ली (ईएमएस)। मनुष्य के स्वास्थ्य को पेट की बीमारियां काफी प्रभावित करती हैं उसी में एक है पेट फूलने की बीमारी। तरल पदार्थ जमा होने के कारण पेट फूलने की बीमारी जलोदर (एसाइटिस) के उपचार में आयुर्वेदिक फार्मूले नीरी-केएफटी को बेहद कारगर पाया गया है। हाल में एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। एमिल फार्मास्यूटिकल्स की जड़ी बूटियों से निर्मित नवोन्मेषी दवा नीरी केएफटी न केवल गुर्दे को और अधिक क्षति से बचाने के साथ पेट में मौजूद अतिरिक्त तरल पदार्थ को मूत्र के जरिये बाहर निकालने में मददगार है। एक प्रकाशित अध्ययन में ये बातें सामने आई हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती एसाइटिस के रोगियों की ठीक से काम नहीं कर रही किडनी के लिए नीरी केएफटी के साथ आयुर्वेदिक दवाएं दी। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, ‘इस आयुर्वेदिक संयोजन की 20 मिलीलीटर खुराक-सुबह और शाम-एक महीने तक दी गई।’ उन्होंने बताया कि इसके सकारात्मक नतीजे देखने को मिले। दवा ने न सिर्फ रोगियों के गुर्दे को क्षतिग्रस्त होने से बचाया, बल्कि पेट में जमा तरल पदार्थ को बाहर निकालने में भी मदद की। नीरी केएफटी में पुनर्नवा, वरुण, सिगरु, सारिवा, कासनी, मकोय, शिरीष आदि औषधीय जड़ी-बूटियां हैं। किडनी रोगों में यह औषधियां काफी असरदार हैं। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में नीरी केएफटी गुर्दों की कार्य क्षमता को बेहतर कर विषाक्त द्रव को शरीर से बाहर निकालने में मददगार साबित हुई है। अलग-अलग चिकित्सीय अध्ययनों में यह वैज्ञानिक तौर पर साबित भी हुआ है। जलोदर में पेट की झिल्लीदार परतों के बीच तरल पदार्थ जमा होने लगते हैं। लंबी अवधि में यह यकृत, गुर्दे तथा दिल को भी प्रभावित कर सकता है। सुदामा/ईएमएस 23 जुलाई 2024