लेख
23-Jul-2024
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार लोकसभा में अपना बजट प्रस्तुत किया है। बजट में कई लोक-लुभावन घोषणाएं की गई हैं। घोषणाओं के लिए स्पष्ट बजट नहीं दिया गया है। बेरोजगारों, युवाओं और महिलाओं के लिए जिस तरीके की योजनाएं पेश की गईं हैं, उनमें कोई स्पष्टता नहीं है। बजट आवंटन भी स्पष्ट नहीं है। बजट में गरीब महिलाएं, युवा, बेरोजगार और किसानों की योजनाओं का बढ़-चढ़कर गुणगान किया गया है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा लोन 10 लाख से बढ़कर 20 लाख कर दिया गया है। अन्न योजना को अगले 5 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है। युवाओं के रोजगार और रोजगार मूलक प्रशिक्षण के लिए स्टाइफंड देने की व्यवस्था बजट में की गई है। मध्यवर्ग के लिए टैक्स स्लैब में परिवर्तन किया गया है। 3 लाख से 7 लाख रुपए तक की आय पर पांच फीसदी, 7 से 10 लाख की आय पर 10 फीसदी, 10 से 12 लाख रुपए की आय पर 15 फ़ीसदी, 12 से 15 लाख रुपए की आय पर 20 फ़ीसदी, 15 लाख से अधिक की आय पर 30 फ़ीसदी आयकर का सिलेब बनाया गया है। किसानों के लिए दाल और तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने युवाओं को रोजगार देने के लिए 5 वर्षों में 4.01 करोड़ युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपए की योजना, शिक्षा रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए देने की घोषणा की गई है। बेरोजगार युवाओं को इंडस्ट्री में प्रशिक्षण मिले उन्हें 15000 रूपये प्रतिमाह की सहायता राशि, उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। 30 लाख युवाओं को अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 3000 रूपये प्रति हितग्राही 2 साल तक देने, शहरी आवास योजना के लिए 10 लाख करोड, एक करोड़ घरों को फ्री बिजली, आदिवासियों के उन्नयन के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने के लिए 63000 करोड रुपए की सहायता, ग्रामीण अंचलों को प्रधानमंत्री सड़क योजना से जोड़ने के लिए 11500 करोड़ की वित्तीय मदद देने की घोषणा वित्त मंत्री ने की है। 2024 25 के बजट में मोबाइल फोन, चार्जर, आयातित सोने-चांदी, कैंसर की दवाएं इलेक्ट्रिक गाड़ियां, जूते-चप्पल, कपड़े, कॉपर,लोहे का स्क्रेप तथा महत्वपूर्ण खनिज के शुल्क को घटाया गया है। यह भी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इस बजट में जो चीजें महंगी होगी। उसमें प्लास्टिक का सामान, सिगरेट, पेट्रोकेमिकल तथा अमोनियम नाइट्रेट जैसी चीजों पर टैक्स बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है। उसमें पारदर्शिता का अभाव है। चुनावी घोषणा की तरह इस बजट में घोषणाएं ज्यादा हैं। बजट में उसके लिए कितनी राशि आवंटित की गई है, इसका खुलासा नहीं है। बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। उसमें भी कोई ऐसी स्पष्टता नहीं है, जिसमें यह कहा जा सके कि उन्हें एक निश्चित समय पर कोई बड़ी आर्थिक सहायता मिलने जा रही है। वर्ष 2024 25 का जो बजट बजट प्रस्तुत किया गया है। वह एक तरह से निराश करने वाला बजट है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यही कहा जा सकता है, लोकसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत सारी गारंटी मतदाताओं को दी थी। इसी तरह से बजट में भी वित्तमंत्री ने गारंटी दी है। यह गारंटी किस तरह और कब पूरी होगी, इसके बारे में बजट में कोई आंकड़े प्रस्तुत नहीं किए गए है। पिछले वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर केंद्र सरकार ने बजट में जो प्रावधान किए थे। वह राशि उन योजनाओं के लिए जारी नहीं हो पाई। जिसके कारण सैकड़ो प्रोजेक्ट कई वर्षों से लंबित पड़े हुए हैं। इनकी लागत लगातार बढ़ती जा रही है। उनको किस तरह से पूरा किया जाएगा, इसका उल्लेख भी बजट में नहीं किया गया। केंद्र सरकार ने कई विभागों के बजट को पिछले वर्ष की तुलना में कम कर दिया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कोई ऐसा प्रावधान नहीं किया गया। विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 35 फ़ीसदी किया गया है। एक तरह से यह बजट कॉरपोरेट कंपनियों को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचाने में मददगार साबित होगा। आम लोगों को इस बजट में कई योजनाओं की घोषणा जरूर की गई है। बजट में उसके लिये स्पष्ट प्रावधान नहीं है। बजट भाषण में यह भरोसा जरूर दिलाया गया है, मांग के अनुरूप योजनाओं में राशि आवंटित की जाएगी। बिहार और आंध्र प्रदेश को जरूर इस बजट का लाभ मिला है। यह मोदी सरकार की मजबूरी थी। अन्य राज्यों की उपेक्षा हुई है। ईएमएस / 23 जुलाई 24